रांची: परीक्षा है, तो उसकी तैयारी करनी पड़ती है. जो सामने आ गया, उसे फेस कीजिए. जीवन की परीक्षाओं के लिए छोटी-छोटी परीक्षाएं देनी पड़ती हैं. ये परीक्षाएं ही आपको जीवन की अन्य परीक्षाओं के लिए तैयार करती हैं. परीक्षा को एक उत्सव की तरह लें. उक्त बातें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कही. वह बतौर मुख्य अतिथि शनिवार को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित परीक्षा पर्व 4.0 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
परीक्षा व परीक्षा परिणाम से जुड़े तनाव के प्रबंधन पर राज्य स्तरीय संवेदीकरण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्कूली शिक्षा विभाग के सहयोग से किया था. श्री कानूनगो ने कहा कि असफलता से कभी घबराना नहीं चाहिए.
छोटी-छोटी परीक्षा के तनाव को झेलना होगा. श्री कानूनगो ने कहा कि परीक्षा व रिजल्ट के पूर्व यदि किसी को डर लगे, तो वह संवेदना हेल्पलाइन नंबर-18001212830 पर बेझिझक संपर्क कर सकता है. इससे पूर्व स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के अधिकारों की जानकारी दी गयी. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने उपस्थित शिक्षकों व बच्चों से यह जानना चाहा कि बच्चों के क्या अधिकार हैं. इस पर ऋतिका कुमारी, सगुफ्ता परवीन, दीना मांझी, विजेश्वर राम ने बारी-बारी से बाल अधिकारों की जानकारी दी. वहीं पॉक्सो कानून के बारे में पूछा, तो शिक्षक भी सटीक जवाब नहीं दे सके. उन्होंने बताया कि आयोग बच्चों के अधिकार के लिए काम करता है.
पीएम द्वारा लिखित ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक छात्रों को दी गयी : कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिखित ‘एग्जाम वाॅरियर्स’ नामक पुस्तक विद्यार्थियों में वितरित की गयी. एनसीपीसीआर की सदस्य सचिव रुपाली बनर्जी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर शिक्षा विभाग के शिवेंद्र कुमार, भारतीय किसान संघ के संजय मिश्रा सहित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, उत्क्रमित विद्यालय सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आये विद्यार्थी व शिक्षक उपस्थित थे.