रांची सदर अस्पताल में पार्किंग का ठेका बदला, पर नहीं बदला वसूली का तरीका, 7 गुना बढ़ी दर
रांची सदर अस्पताल प्रशासन की ओर से पार्किंग के लिए निकाले गये टेंडर की राशि एक साल में ही सात गुना से ज्यादा बढ़ गयी है. अस्पताल परिसर में पार्किंग के नाम पर लूट हो रही है. एक घंटा के लिए 10-20 रुपये वसूले जा रहे हैं.
रांची, बिपिन सिंह: रांची नगर निगम के सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर शुरुआती 10 मिनट के लिए वाहन खड़ा करना फ्री है, जबकि प्रति तीन घंटे के लिए दोपहिया वाहनों से पांच और चारपहिया वाहनों से 20 रुपये लिये जाते हैं. जबकि, सदर अस्पताल रांची में पार्किंग का ठेका लेनेवाली एजेंसी प्रति घंटे दोपहिया वाहनों से 10 और चारपहिया वाहनों से 20 रुपये वसूल रही है. एजेंसी की इस मनमानी से लोग परेशान हैं. दूसरी ओर, सदर अस्पताल में पार्किंग का ठेका तो बदला, पर वसूली का तरीका नहीं बदला.
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एक साल में सात गुना से ज्यादा बढ़ गयी ठेका की दर, टेंडर की शर्तों की आड़ में मनमाना शुल्क वसूल रही एजेंसी
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रांची नगर निगम प्रति तीन घंटे के लिए दोपहिया से पांच और चारपहिया वाहनों से 20 रुपये पार्किंग शुल्क ले रहा
सदर अस्पताल प्रशासन की ओर से पार्किंग के लिए निकाले गये टेंडर की राशि एक साल में ही सात गुना से ज्यादा बढ़ गयी है. पिछली बार जब 20 अप्रैल को टेंडर निकाला गया था, तो उसमें तीन कंपनियों- मेसर्स बजरंग इंडस्ट्रीज सिक्योरिटीज, मेसर्स सिंह सैनिक सिक्योरिटी सर्विस एंड प्रालि और मेसर्स समानता सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विस प्रालि ने हिस्सा लिया था. मेसर्स समानता सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विस प्रालि ने सबसे अधिक बोली लगाकर छह महीने के लिए 2.45 लाख रुपये में ठेका हासिल किया था. यह राशि पूर्व की बंदोबस्ती (2022 में 70 हजार) से करीब चार गुना अधिक थी. एजेंसी को एक मई 2023 को अस्पताल परिसर में इमरजेंसी और सिविल सर्जन कार्यालय समेत तीन पार्किंग स्थल का ठेका मिला था. इसके बाद एजेंसी ने मनमाने तरीके से पार्किंग शुल्क वसूलना शुरू किया.
छह माह में ही दोगुनी हो गयी टेंडर की राशि
30 अक्तूबर को टेंडर की अवधि समाप्त हो गयी. एक नवंबर से नये तरीके से पार्किंग की बंदोबस्ती हुई. इसमें पार्किंग से हो रहे मुनाफे को देखते हुए यह बोली बढ़कर 5.15 लाख तक जा पहुंची. इस बार छह कंपनियां इस रेस में शामिल थीं. मेसर्स सिंह सैनिक सिक्योरिटी सर्विस एंड प्रालि को ठेका हासिल हुआ. यह ऐजेंसी भी नियमों का उल्लंघन कर लोगों से मनमाने तरीके से पार्किंग शुल्क वसूल रही है. वहीं, अस्पताल परिसर में जगह-जगह लगाये गये पार्किंग के रेट चार्ज को भी फाड़ दिया है, ताकि लोगों को सही पार्किंग दर की जानकारी नहीं मिल पाये. गौरतलब है कि इसी एजेंसी को सदर अस्पताल में पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति का भी ठेका मिला हुआ है.
इस तरह बढ़ती गयी टेंडर की राशि
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2022 : 70 हजार (अधिकतम छह माह के लिए)
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2023 : 2.45 लाख (पिछली बार से 3.5 गुना वृद्धि)
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2023 : 5.15 लाख (पहली बार से 7.3 गुना वृद्धि)
एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए शर्तों को लचीला बनाया गया
पार्किंग के लिए निकाले गये पिछली बार के टेंडर में कुल 14 शर्तें रखी गयी थीं. इनमें जानबूझ कर ऐसी शर्त रखी गयी, जिससे कंपनी को वैध तरीके से अतिरिक्त कमाई की छूट दी जा सके. टेंडर की शर्तों के 11वें पैरा में एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए चारपहिया वाहनों के लिए प्रति घंटा 20 रुपये दर तय की गयी है. हालांकि, इस नियम को पेचीदा बनाने के लिए जानबूझकर इसमें अनावश्यक रूप से यह चर्चा की गयी है कि एजेंसी एकरारनामा की तिथि को रांची नगर निगम द्वारा जो निर्धारित दर होगी, वसूल सकती है.
आमलोगों से बदतमीजी करते हैं एजेंसी के लोग
रांची सदर अस्पताल परिसर में अवैध तरीके से पार्किंग शुल्क की वसूली की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं. लड़ाई-झगड़े भी होते हैं. पार्किंग में तैनात एजेंसी के लोगों द्वारा कुछ छात्राओं के साथ बदसलूकी की भी शिकायतें मिली थीं. एजेंसी ने पार्किंग शुल्क वसूलनेवाले अपने लोगों को कोई आइडी कार्ड नहीं दे रखा है. जब भी कोई उनसे ज्यादा पार्किंग शुल्क वसूलने को लेकर सवाल करता है, तो वे उल्टे-सीधे जवाब देने लगते हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन भी अवैध वसूली को लेकर चेतावनी जारी कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर लेता है.
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