Ranchi News : जमानत देने के मामले में निचली अदालत के आदेश का एक हिस्सा निरस्त
व्यवसायिक विवाद में पूरे पैसे लौटाने की शर्त पर दी गयी थी जमानत
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने व्यवसायिक विवाद में पूरे पैसे लौटाने की शर्त पर जमानत देने के मामले में फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के आदेश के एक हिस्से को निरस्त कर दिया. अदालत ने तथ्यों के मद्देनजर जमानत देने के संबंध में स्थापित कानून पर विचार करते हुए कहा कि प्रार्थी को जिस शर्त पर अंतरिम जमानत दी गयी है, वह कठोर प्रतीत होती है. निचली अदालत का आदेश कानूनन सही नहीं है. ट्रायल पूरा होने से पहले इस तरह की शर्त लगाना उचित नहीं है. 20 लाख रुपये के भुगतान के संबंध में उक्त शर्त और आगे भुगतान के लिए अन्य शर्तें कानून की नजर में टिक नहीं पायेंगी. इसके मद्देनजर आदेश का उक्त हिस्सा रद्द किया जाता है. निचली अदालत द्वारा प्रार्थी को दी गयी अंतरिम जमानत (औपबंधिक जमानत) को चार सप्ताह के लिए और बढ़ाया जाता है. साथ ही अदालत ने मामले को संबंधित निचली अदालत को वापस भेजते हुए योग्यता के आधार पर सुनवाई करने तथा कानून के अनुसार उक्त जमानत आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा व अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि व्यवसायिक विवाद में प्राथमिकी दर्ज कराने का चलन हो गया है. यह सही नहीं है. व्यवसायिक विवाद में निचली अदालत का इस तरह से शर्त लगा कर जमानत देने के आदेश को उचित नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. बहस के दौरान यह बताया गया कि राशि की वसूली के लिए वाणिज्यिक मामले पहले ही पंजीकृत किये जा चुके हैं तथा यह वाणिज्यिक वाद संख्या-226/2024 (अजय सिंह बनाम पुष्पराज) तथा वाणिज्यिक वाद संख्या-202/2024 (अजय सिंह बनाम विशाल कुमार व अन्य) के तहत वाणिज्यिक न्यायालय रांची के समक्ष लंबित है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विशाल कुमार ने याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनाैती दी थी.
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