रांची: पंजाबी समाज द्वारा विभाजन विभीषिका समृति दिवस के दो दिवसीय आयोजन के तहत संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत रविवार की दोपहर 12 बजे कृष्णा नगर कॉलोनी, रातू रोड स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर हॉल में भारतमाता की तस्वीर पर पुष्प अर्पण के साथ हुई. इसके बाद समाज के वयोवृद्ध पुरुष एवं महिला नागरिकों का स्वागत किया गया. उपस्थित सभी वयोवृद्ध पुरुष एवं महिलाओं को सांसद संजय सेठ एवं विधायक सीपी सिंह द्वारा पुष्प भेंटकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर पद्मश्री बलबीर दत्त, श्यामलाल मक्कड़, रामचंद्र तलेजा, बीआर मग्गो, हरगोविंद सिंह गिरधर, सरदार हरमिंदर वीर सिंह, सरदार कृपाल सिंह तथा विष्णी देवी धमीजा ने विभाजन से जुड़ी अपनी स्मृतियों को साझा किया और अपना दर्द बयां किया.
बाबूलाल मरांडी ने की पंजाबी समाज की सराहना
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री एवं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने संबोधन में विभाजन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए पंजाबी समाज के लोगों की जिंदादिली, देश प्रेम एवं सेवा भाव की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी देश में आपदा या महामारी आयी, पंजाबी समाज सबसे आगे खड़ा रहा है. उन्होंने समाज के लोगों से आग्रह किया कि युवाओं को विभाजन के दौरान संबंधित परिवारों की तकलीफों से संबंधित तस्वीरें या वीडियो दिखाएं, ताकि वे प्रेरणा ले सकें.
पंजाबी समाज का संघर्ष प्रेरणादायक
विशिष्ट अतिथि रांची लोकसभा क्षेत्र के सांसद संजय सेठ ने विभीषिका का जिक्र करते हुए कहा कि विस्थापित होने के बाद भी इस समाज के लोगों ने जो संघर्ष किया और अपने परिवारों को संवारा और अपने व्यापार को नए सिरे से खड़ा किया, यह निश्चित रूप से हम सबों को प्रेरणा देता है. आज ये सभी परिवार समाज सेवा में भी बढ़ चढ़कर जुटे हुए हैं.
विस्थापन के बाद का संघर्ष से लें सीख
रांची विधानसभा क्षेत्र के विधायक सीपी सिंह ने अपने भाषण में कहा कि विभाजन के बाद भारत के अलग-अलग हिस्सों में आकर बसे लोगों को शरणार्थी नहीं कहा जाना चाहिए, क्योंकि वह किसी दूसरे देश से नहीं आए हैं. उनका सिर्फ विस्थापन हुआ है. विस्थापन से प्रभावित परिवारों के लोगों ने पास में थाली लोटा तक भी ना होने के बावजूद जिस शिद्दत और संघर्ष से अपने परिवार के सदस्यों को स्थापित किया है, इससे हम सबको सीख लेनी चाहिए.
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विस्थापित परिवारों द्वारा जीवन-यापन के लिए संघर्ष है प्रेरणादायक
झारखंड बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2001 से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाए जाने की तारीफ करते हुए कहा कि इससे देश में एकता, सद्भाव और देश प्रेम की भावना जगती है. विस्थापित परिवारों द्वारा जीवन-यापन के लिए किए गए संघर्ष से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए.
सम्मानित किए गए बाबूलाल, लक्ष्मीकांत वाजपेयी व बालमुकुंद सहाय
मौके पर नंदकिशोर अरोड़ा एवं हरविंदर सिंह बेदी ने झारखंड के पहले मुख्यमंत्री व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एवं कुणाल आजमानी ने झारखंड बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी एवं बालमुकुंद सहाय को रवनीत सिंह ने पुष्प भेंटकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
सोमवार की शाम को निकलेगा मौन जुलूस
कार्यक्रम के जिला संयोजक अरुण जसूजा एवं अश्विनी सुखीजा को बाबूलाल मरांडी एवं लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. कार्यक्रम का मंच संचालन नरेश पपनेजा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन अश्विनी सुखीजा ने किया. इस मौके पर बड़ी स्क्रीन पर विभाजन से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी और विभाजन से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी. दो दिवसीय आयोजन के तहत सोमवार की शाम 5 बजे जिला स्कूल, शहीद चौक से मौन जुलूस निकाला जाएगा, जो सर्जना चौक से होते हुए वापस शहीद चौक पहुंचकर समाप्त होगा.
कार्यक्रम में ये थे उपस्थित
आज के कार्यक्रम में द्वारका दास मुंजाल, किशोरी मुंजाल, सरदार गगनदीप सिंह सेठी, राजेश मेहरा, संजीव विजयवर्गीय, भाजपा महानगर अध्यक्ष केकेगुप्ता, कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक सरदार गुरविंदर सिंह सेठी, रमेश सिंह, बलराम सिंह, प्रमंडलीय संयोजक दीनदयाल बर्णवाल, रवनीत सिंह, अरुण चावला, संजीव चौधरी, सुंदर लाल मिढ़ा, भगवान सिंह बेदी, सुरेश मिढ़ा, मनीष मिढ़ा, हरीश अरोड़ा, मोहन लाल अरोड़ा, मोहन काठपाल, नारायण दास अरोड़ा, केशव दास मक्कड़, विनोद सुखीजा, संदीप नागपाल, दीपक नंदा, गुलशन मिढ़ा, हरीश मिढ़ा, जोगिंदर गाबा, विनोद किंगर, आशु मिढ़ा, हरीश नागपाल, रमेश गिरधर, अशोक मुंजाल, जोगिंदर गाबा, अजय खत्री, राकेश अरोड़ा, ओम चौधरी, उमेश मुंजाल, रमेश तेहरी, रौनक ग्रोवर, हरीश तेहरी, पूनम आनंद, मंजू चावला, कंचन सुखीजा, नीतू किंगर, ममता थरेजा समेत अन्य शामिल थे.