डकरा
एनके एरिया का केडीएच परियोजना अंतर्गत वे-ब्रिज पिछले सात महीने से खराब होने व केडीएच रेलवे साइडिंग को रैक सप्लाई बंद करने संबंधी खबर शुक्रवार को प्रभात खबर में छपने के बाद सीसीएल प्रबंधन हरकत में आ गया है. सीसीएल मुख्यालय के कुछ अधिकारी जहां रेलवे डीआरएम से बात कर उन्हें रैक सप्लाई के लिए मनाने में कामयाब हो गये हैं, वहीं मामला तब एक बार फिर फंस गया, जब मोनेट वाशरी प्रबंधन ने यह कहकर रैक लेने से मना कर दिया कि वे लोग अगर रैक ले लेंगे तो फिर से सीसीएल प्रबंधन वे-ब्रिज बनवाने में ध्यान नहीं देगी. मोनेट वाशरी प्रबंधन के इस रुख के बाद मुख्यालय के अधिकारी राइसलेक कंपनी चेन्नई के सर्विस इंजीनियर से संपर्क किया.
एयरलिफ्ट कर पार्ट्स मंगाया जायेगा
सीसीएल का वे-ब्रिज मेंटनेंस का ठेका राइसलेक कंपनी को दिया गया है. लेकिन इस कंपनी के सर्विस इंजीनियर के साथ सीसीएल के संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण वे-ब्रिज ब्रेकडाउन का मामला जब तक तूल नहीं पकड़ता, तब तक वे लोग कुछ ध्यान नहीं देते हैं. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद सभी सक्रिय हुए हैं और पार्ट्स चेन्नई से एयरलिफ्ट कर मंगाने की बात कह रहे हैं.
इस सप्ताह बन जाएगा वे-ब्रिज : जीएम
सीसीएल के जीएम इलेक्ट्रॉनिक एसके सिंह ने बताया कि वे-ब्रिज एक सप्ताह में बन जायेगा. राइसलेक कंपनी के लोगों से बात हो गयी है. वे-ब्रिज के लिए पार्ट्स मंगाया जा रहा है.
नुकसान की जवाबदेही तय हो : कमलेश
सीसीएल सलाहकार समिति सदस्य कमलेश सिंह ने छपी खबर को कोयला मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, कोल इंडिया और सीसीएल के सभी बड़े अधिकारियों को ट्वीट कर मामले की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि सात महीने तक वे-ब्रिज नहीं बनाने का कारण और उससे हुए नुकसान की जवाबदेही तय होनी चाहिए.