परवेज! हम शर्मिंदा हैं, तुम्हें बचा नहीं पाये

आनंद मोहन, रांची : परवेज! हम शर्मिंदा हैं कि तुम्हें बचा नहीं पाये. तुम मुसीबत में थे. तुम्हारा मार्मिक वीडियो पिछले शनिवार (18 अप्रैल) को हमें अहमदाबाद से मिला. कोरोना की महामारी से पैदा हुई अव्यवस्था ने तुम्हारी जान ले ली. तुम्हारी मौत से राजधानी रांची के इटकी में मातम छाया हुआ है. महज 21 […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2020 5:54 AM

आनंद मोहन, रांची : परवेज! हम शर्मिंदा हैं कि तुम्हें बचा नहीं पाये. तुम मुसीबत में थे. तुम्हारा मार्मिक वीडियो पिछले शनिवार (18 अप्रैल) को हमें अहमदाबाद से मिला. कोरोना की महामारी से पैदा हुई अव्यवस्था ने तुम्हारी जान ले ली. तुम्हारी मौत से राजधानी रांची के इटकी में मातम छाया हुआ है. महज 21 साल का परवेज परिवार की परवरिश का सपना संजोये छह महीना पहले ही अहमदाबाद गया था. वहां वह डिस्पोजल ग्लास बनानेवाली एक कंपनी में काम कर रहा था.

परेवज ने 18 अप्रैल को अहमदाबाद से वीडियो बनाकर राज्य सरकार से मदद की अपील की थी. प्रभात खबर ने यह वीडियो तत्काल सरकार की हेल्पलाइन को उपलब्ध कराया. आइएएस भोर सिंह ने भी तुरंत पहल की. प्रभात खबर इसके साथ अलग-अलग संपर्क से परवेज तक मदद पहुंचाने की मुहिम में लगा रहा. परवेज को अहमदाबाद, अमरावती के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अस्पताल में दाखिले के वक्त परवेज की अपने परिजन से बात हुई, लेकिन फिर तीन दिनों तक उसकी कोई खबर नहीं थी. इधर, परिजन की बेचैनी बढ़ रही थी. परवेज के भाई तौहीद अंसारी ने बताया कि अहमदाबाद के स्थानीय प्रशासन से संपर्क के बाद भी उससे बात नहीं हो पा रही थी. पिछले मंगलवार को 20 सेकेंड के लिए परवेज से बात हुई. उसकी हालत खराब थी. वह बोलने में असमर्थ था और कराह रहा था. उसने बताया कि खाने की दिक्कत हो रही है. घर के लोग परवेज की हालत देखकर रुआंसे थे.

20 सेकेंड की परवेज की आवाज घरवालों ने आखिरी बार सुनी. घरवालों काे यह भी सूचना मिली कि उसको कोरोना नहीं था. डॉक्टरों ने उसे टीबी वार्ड में दाखिल कराया है. घर के लोग थोड़े इत्मीनान हुए, लेकिन गुरुवार का दिन परिवारवालों के लिए काला रहा. इस दिन परवेज के दुनिया से रुखसत होने की सूचना मिली. वक्त के आगे बेबस परिवार, वीडियो कॉल से देखी मिट्टी की रस्मभाई परवेज कहते हैं : वह रांची में होता, तो बच जाता. अपनी जिंदगी के लिए गिड़गिड़ा रहा था. उसको सही तरीके से इलाज नहीं मिला.

खाने के लिए मोहताज रहा. परिवार का दुर्भाग्य ऐसा रहा कि परवेज का जनाजा भी नसीब नहीं हुआ. अहमदाबाद में कुछ स्वयंसेवी संस्था की मदद से मिट्टी दी गयी. जनाजे की पाक रस्म परिवारवालों ने वीडियो कॉल के जरिये देखी. इस नौजवान के घर का चप्पा-चप्पा उसकी याद में आंसू बहा रहा था. इटकी का मसजिद मुहल्ला गम में डूबा था. परवेज की तरह ऐसे कई प्रवासी एक-एक दिन मुश्किलों के बीच काट रहे हैं. न जाने ऐसे कई परवेज आज बीमार, तंगहाल होंगे.

लॉकडाउन में दवा न मिलने से किडनी के मरीज की मौत चौपारण (हजारीबाग). चौपारण की पड़रिया पंचायत के निवासी सोनू कुमार (19) की मौत शुक्रवार को हो गयी. बीमार सोनू का लॉकडाउन के कारण समय पर इलाज नहीं हो सका. युवक को किडनी की समस्या थी. उसका इलाज रांची स्थित रिम्स से चल रहा था. दवा इचाक के सुरेश मेहता से ले रहा था, लेकिन दवा खत्म हो चुकी थी.

समय पर दवा नहीं मिलने के कारण युवक की तबीयत बिगड़ने लगी. इस पर उसे बाइक से झुमरी तिलैया ले जाया गया, लेकिन वहां चिकित्सक नहीं मिले. बगैर इलाज कराये उसे घर लाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. पिता धनेश्वर रविदास का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. दो भाइयों, दो बहनों और माता-पिता की पूरी जिम्मेदारी सोनू पर ही थी. वह घर का इकलौता कमानेवाला व्यक्ति था.

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