पत्थलगड़ी मामला: बबीता कच्छप समेत तीन गिरफ्तार

झारखंड में वांटेड व गुजरात में सतिपति आदिवासी समुदाय के लोगों को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने के आरोप में बेलोसा बबीता कच्छप, सामू ओड़या और बिरसा ओड़या को गुजरात एटीएस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार किया है. बबीता को महिसागर जिले के संतरामपुर क्षेत्र से, जबकि सामू ओड़या व बिरसा ओड़या को तापी जिले के व्यारा क्षेत्र से पकड़ा गया है. तीनों पर गुजरात एटीएस ने राज्य सरकार के खिलाफ सतीपति आदिवासी समुदाय के सदस्यों को उकसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2020 2:18 AM

रांची/खूंटी : झारखंड में वांटेड व गुजरात में सतिपति आदिवासी समुदाय के लोगों को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने के आरोप में बेलोसा बबीता कच्छप, सामू ओड़या और बिरसा ओड़या को गुजरात एटीएस ने 24 जुलाई को गिरफ्तार किया है. बबीता को महिसागर जिले के संतरामपुर क्षेत्र से, जबकि सामू ओड़या व बिरसा ओड़या को तापी जिले के व्यारा क्षेत्र से पकड़ा गया है. तीनों पर गुजरात एटीएस ने राज्य सरकार के खिलाफ सतीपति आदिवासी समुदाय के सदस्यों को उकसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

यह भी दावा किया गया है कि आरोपियों के पास से माओवादी साहित्य मिले हैं. तीनों के खिलाफ धारा 124-ए और 120 बी के तहत संबंधित क्षेत्र के थाना में प्राथमिकी की गयी है. इन तीनों के खिलाफ खूंटी में पहले से मामले दर्ज हैं. बेलोसा पर खूंटी थाना में पांच और मुरहू थाना में दो केस दर्ज हैं.

बिरसा पर खूंटी, मुरहू व अड़की में आठ केस व सामू पर विवादित पत्थलगड़ी मामले में कोई केस नहीं है. लेकिन उसके खिलाफ मुरहू और खूंटी में एक-एक मामला दर्ज है. मुरहू में उसके खिलाफ अवैध अफीम की खेती करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था. अब खूंटी पुलिस गुजरात पुलिस से संपर्क कर अपने यहां दर्ज मामले में रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी.

किस मामले में वांटेड है बबीता : खूंटी में बेलोसा बबीता पर पत्थलगड़ी कर संविधान की गलत व्याख्या करने, पत्थलगड़ी की आड़ में लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने, देशद्रोही गतिविधियां चलाने सहित अन्य आरोप हैं.

24 जून को भंडरा में तत्कालीन डीसी मनीष रंजन और एसपी अश्विनी सिन्हा से कई ग्रामीणों ने बहस की थी. इसके बाद 24 अगस्त की रात खूंटी के कांकी गांव में तत्कालीन एसडीओ प्रणव कुमार पाल, एसपी अश्विनी सिन्हा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल को ग्रामीणों ने बंधक बना रात भर जमीन पर बैठाकर रखा था. यहीं से पत्थलगड़ी का विवाद तेज हो गया था.

गार्ड के अपहरण में आरोपी है बिरसा

खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के आवास से उनके हाउस गार्ड के अपहरण मामले में बिरसा ओड़या आरोपी है. पत्थलगड़ी को लेकर घाघरा कांड में उसने मुख्य भूमिका निभायी थी. पत्थलगड़ी मामले में खूंटी पुलिस ने सौ से अधिक नामजद और सैकड़ों अज्ञात को आरोपी बनाया था. इसमें 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में आदिवासी महासभा के मुखिया विजय कुजूर, कृष्णा हासंदा जेल से छूट चुके हैं. वहीं, खूंटी में पत्थलगड़ी का नेतृत्व कर रहा यूसुफ पूर्ति अब भी फरार है.

गुजरात जाकर लिया था प्रशिक्षण

पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि गुजरात के कुंवर केसरी सिंह के पास जाकर बेलोसा, यूसुफ पूर्ति और विजय कुजूर ने पत्थलगड़ी को लेकर प्रशिक्षण लिया था. वहीं इन लोगों ने संविधान की अलग व्याख्या सीखी थी.

बुरुगुलिकेरा कांड में सतिपति पंथ का नाम आया था सामने

चाईबासा के गुदरी ब्लाॅक के बुरुगुलिकेरा गांव में सात लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इसके पीछे पत्थलगड़ी समर्थकों के हाथ होने की बात कही गयी थी. जांच में पता चला कि वारदात के पीछे पत्थलगड़ी नहीं, बल्कि सतिपति पंथ का बढ़ता प्रभाव है. मृत जेम्सबुढ़ और गांव के छह अन्य लोगों की हत्या का आरोप भी सतिपति पंथ का नेतृत्व करनेवाले गांव के रणसी बुढ़ और अन्य पर है.

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