गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में रांची के 4 आरोपियों को मिली फांसी की सजा, दो को उम्र कैद

27 अक्तूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान एक बम धमाका हुआ था जिसमें कई लोगों की जान चली गयी थी. आज उस मामले में एनआइए की कोर्ट ने सजा सुनाते हुए 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. तो वहीं दो दोषियों को 10-10 वर्षों की कैद का आदेश दिया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2021 6:53 AM

रांची : गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिये गये नौ आतंकियों को विशेष एनआइए कोर्ट ने सोमवार को सजा सुनायी. इनमें से चार को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. अदालत ने दो दोषियों को 10-10 वर्षों की कैद का आदेश दिया. वहीं इफ्तिखार आलम को सबूत छिपाने का दोषी पाते हुए अदालत ने सात साल कैद की सजा दी. इफ्तिखार दो जून, 2014 को गिरफ्तार किया गया था.

अदालत ने सभी दोषियों को 30 दिन के अंदर इस फैसले के खिलाफ अपील करने का समय दिया है. 27 अक्तूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान बम धमाके हुए थे. एनआइए ने 22 अगस्त, 2014 को आरोपपत्र दाखिल किया था. एक अभियुक्त नाबालिग था, जिसके कारण उसके मामले को अलग कर जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया. जुवेनाइल कोर्ट उसे तीन साल की कैद की सजा पहले ही दे चुका है.

बचाव पक्ष बोला- रहम करें

सजा पर बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील सैयद मो इमरान गनी खां ने मुजरिमों के परिवार की गरीबी, बूढ़े मां-बाप और अनब्याही बहनों का हवाला देते हुए रहम की गुजारिश की. सुधरने का मौका देने की अपील की. इधर, सजा सुनाये जाने के अधिवक्ता इमरान गनी खान ने कहा कि वे इस फैसले के विरोध में ऊपरी कोर्ट में जायेंगे.

सीरियल ब्लास्ट में 06 की मौत और 89 लोग घायल हुए थे
अभियोजन ने कहा- घटना जलियांवाला बाग जैसी

एनआइए के विशेष लोक अभियोजक लल्लन प्रसाद सिन्हा ने दोषियों के लिए फांसी मांगी. कहा कि इन लोगों ने सुनियोजित व संगठित तरीके से बम धमाके कर निरीह जनता की हत्या की. इनमें से पांच मुजरिम बोधगया ब्लास्ट में भी शामिल थे. सिन्हा ने कहा, जिस तरह जलियांवाला बाग में हजारों लोगों पर जनरल डायर ने गोली चला कर निरीह जनता की हत्या की थी, उसी तरह इन अभियुक्तों ने गांधी मैदान में धमाके को अंजाम दिया.

आठ वर्षों तक सुनवाई तीन जजों के बाद चौथे ने दिया फैसला

गांधी मैदान हुंकार रैली सीरियल बम ब्लास्ट मामले की सुनवाई चार जजों ने की. मामले में एनआइए के विशेष जज मनोज कुमार सिन्हा द्वारा 187 गवाहों की गवाही ली गयी और उन्होंने अभियोजन पक्ष की बहस भी सुनी लेकिन स्थानांतरण हो जाने के कारण मामले में फैसला नहीं दे सके. इसी प्रकार, विशेष जज अजीत कुमार सिन्हा व दीपक कुमार की अदालत द्वारा मामले की सुनवाई की गयी. लेकिन दोनों जजों ने मामले में अपना फैसला नहीं दे सके. आठ वर्षों से चली लंबी सुनवाई के बाद अंतत: विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने फैसला दे दिया.

गांधी मैदान धमाका

27 अक्तूबर 2013 मोदी की रैली में हुए थे धमाके

01 नवंबर 2013 मामले को एनआइए के हवाले किया गया

22 अगस्त 2014 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

27 अक्तूबर 2021 एनआइए कोर्ट ने नौ को दोषी करार दिया

रांची के चार आतंकवादियों इम्तियाज हैदर, नुमान, मोजिबुल्लाह को फांसी

एनआइए की विशेष अदालत का फैसला. दो को उम्रकैद, दो को 10-10 साल और एक को सात साल की सजा

इन्हें सजा-ए-मौत

1. इम्तियाज अहमद (सीठियो, रांची)

2. हैदर अली (डोरंडा, रांची)

3. नुमान अंसारी (सीठियो, रांची)

4. मोजिबुल्लाह अंसारी (ओरमांझी, रांची)

इन्हें 10 साल जेल

1. अहमद हुसैन (अमनगंज, मिर्जापुर)

2. फिरोज असलम (लोअर बाजार, रांची)

इन्हें उम्रकैद

1. उमर सिद्दीकी (रायपुर)

2. अजहरुद्दीन कुरैशी (रायपुर)

एक को 7 साल की कैद

1. इफ्तिखार आलम (धुर्वा, रांची)

बोधगया ब्लास्ट में भी पांच को उम्रकैद

1. इम्तियाज, 2. उमर, 3. हैदर

4. अजहरुद्दीन, 5. मोजिबुल्लाह

Posted by : Sameer Oraon

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