रांची : पतरातू में रिजार्ट समेत पर्यटकों के लिए बनायी गयी आधारभूत संरचना का संचालन झारखंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) नहीं करेगा. पतरातू में पर्यटन विभाग की पूरी संपत्ति का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर कराया जायेगा. इसके लिए पर्यटन विभाग ने ट्रांजेक्शन एडवाइजर की तलाश शुरू कर दी है. ट्रांजेक्शन एडवाइजर पतरातू में रिजार्ट समेत पर्यटकों के लिए बनायी गयी अन्य आधारभूत संरचनाओं के अलावा उपलब्ध भूमि पर पर्यटक विकास योजनाएं तैयार कर उनका कार्यान्वयन करेगा.
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मुनाफा कमा रहा है पतरातू लेक रिजार्ट
पतरातू लेक रिजार्ट जेटीडीसी के लिए मुनाफा कमा रहा है. पर्यटन विभाग द्वारा 134 करोड़ रुपये खर्च कर विकसित किये गये टूरिस्ट डेस्टिनेशन से हर महीने जेटीडीसी को औसतन 15 लाख रुपये फायदा हो रहा है. पर्यटन विभाग ने पतरातू लेक रिजार्ट समेत पैदल पथ, चिल्ड्रेन पार्क, दुकानें, गेस्ट हाउस, डैम टापू सभी सुविधाओं का संचालन पीपीपी मोड पर कराने का फैसला लिया है. हालांकि, अब तक यह तय नहीं है कि इससे राज्य सरकार को कितना फायदा पहुंचेगा. ट्रांजेक्शन एडवाइजर अध्ययन कर न्यूनतम फायदे की राशि तय करेगा. उसके बाद टेंडर जारी कर संचालक संस्था का चयन किया जायेगा.
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