22 से प्रस्तावित जेपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रास्ता साफ
झारखंड हाइकोर्ट ने 11वीं, 12वीं और 13वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा पीटी का ओएमआर शीट रद्द करने के मामले में फैसला सुनाया.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने 11वीं, 12वीं और 13वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा पीटी का ओएमआर शीट रद्द करने के मामले में फैसला सुनाया है. अदालत ने प्रार्थी को मामले में तकनीकी आधार पर राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. वैसे में अब 22 जून से प्रस्तावित मुख्य परीक्षा का रास्ता साफ हो गया है. 14 जून को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में हुई.
इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि ओएमआर शीट में निर्देश के अनुसार प्रार्थी मयंक कुमार सिंह ने अपना रोल नंबर अंकित नहीं किया था. गोला भरने में गड़बड़ी की थी, जिसके बाद स्कैनिंग मशीन ने उनकी ओएमआर शीट को रिजेक्ट कर दिया था तथा मार्क्स नहीं दिया था.बिना जांच किये ही ओएमआर शीट रद्द किया गया
प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने पीटी के ओएमआर शीट को बिना जांच किये ही रद्द कर दिया. जेपीएससी की आंसर कुंजी के अनुसार उन्हें सामान्य वर्ग में 292 अंक प्राप्त हुआ था, जबकि कट ऑफ मार्क्स 244 ही था. जेपीएससी ने तकनीकी आधार पर प्रार्थी का ओएमआर शीट रद्द किया है, जो उचित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि तकनीकी आधार पर ओएमआर शीट को रद्द नहीं करना चाहिए. झारखंड सरकार ने भी पूर्व में संकल्प जारी कर कहा था कि प्रतियोगी परीक्षा का ओएमआर शीट तकनीकी आधार पर रद्द नहीं किया जायेगा. इसके बाद भी आयोग ने उनके ओएमआर शीट की जांच नहीं कर रद्द कर दिया है. ज्ञात हो कि प्रार्थी मयंक कुमार सिंह ने याचिका दायर की है. उन्होंने पीटी के ओएमआर शीट की जांच कर रिजल्ट निकालने की मांग की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है