झारखंड में तेजी से हो रहा है लंबित मामलों का निबटारा, केवल 300 बचे पांच साल पुराने केस
अभी भी पांच साल पुराने लंबित 72 केस रांची के, धनबाद व हजारीबाग के 20-22 केस लंबित हैं. अन्य कुछ जिलों का आंकड़ा 10 से कम बताया जा रहा है.
राज्य में लंबित केसों के निबटारे के लिए अक्तूबर 2023 से विशेष अभियान चलाया जा रहा था, जिसका असर दिखा है. छह माह में कुल 24 जिलों में पांच साल पुराने लंबित 3700 मामलों में से 3400 केसों का निबटारा किया गया है. गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग से एडीजी संजय आनंदराव लाठकर ने पांच साल पुराने लंबित मामलों की समीक्षा की, जिसमें उक्त बातें सामने आयी.
अभी भी पांच साल पुराने लंबित 72 केस रांची के, धनबाद व हजारीबाग के 20-22 केस लंबित हैं. अन्य कुछ जिलों का आंकड़ा 10 से कम बताया जा रहा है. वहीं कोडरमा में एक भी मामला लंबित नहीं है. एडीजी ने लंबित मामलों के कारणों की समीक्षा कर अनुसंधान के बिंदु पर बिंदुवार निर्देश एसपी को देने को कहा है.
हजारीबाग जिले में छह-सात केस ऐसे आये हैं, जिसमें चार्जशीट ही दाखिल नहीं की गयी है.वहीं नक्सल के कुछ मामले जिसमें कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा ठोस साक्ष्य समर्पित नहीं किया गया है, वैसे मामलों की समीक्षा कर अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है.
राज्य में चार साल पुराना करीब 3100 केस लंबित
राज्य में अब चार साल पुराने लंबित मामलों के निबटारे के लिए अभियान शुरू किया गया है. एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर ने सभी जिलों के एसपी से दो दिनों के अंदर चार साल पुराने लंबित केसों का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है. ब्योरा प्राप्त होने के बाद लंबित केसों के निपटारे की कवायद शुरू होगी.