झारखंड में 35 लाख पेंशनधारी, चार साल में बढ़े 82 प्रतिशत
विभागीय सचिव ने बताया कि सरकार वृद्धा पेंशन की उम्र सीमा 60 से 50 करने पर विचार कर रही है. एसटी और महिलाओं को इसका लाभ दिया जायेगा. इससे 18 लाख नये पेंशनधारी जुड़ेंगे.
रांची : राज्य में सर्वजन पेंशन योजना के तहत कुल नौ योजनाएं चलायी जा रही है. इनमें तीन योजनाएं केंद्र संपोषित हैं, वहीं छह योजनाएं झारखंड सरकार द्वारा संचालित की जा रही है. इन योजनाओं को तहत 35 लाख, 68 हजार पेंशनधारी लाभ ले रहे हैं. इसमें राज्य संपोषित पेंशन योजना के करीब 23 लाख लोगों को लाभ मिल रहा है. पिछले चार साल में राज्य के पेंशनधारियों की संख्या में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उक्त जानकारी महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा ने पत्रकारों को दी.
सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विभागीय सचिव ने उपलब्धियां बतायी और भावी कार्य योजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पेंशनधारियों को समय पर लोगों को लाभान्वित किया जा सके, इसके लिए सरकार ने अलग से 100 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया है. अब जनवरी को पैसा फरवरी में नहीं बल्कि उसी महीने में मिल पायेगा. चार वर्षों में राज्य के पेंशनधारियों में 82 प्रतिशत की वृद्धि 2023 में आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत कुल 6.56 लाख से ज्यादा पेंशन के आवेदन प्राप्त हुए हैं. विभागीय सचिव श्री झा ने बताया कि सरकार वृद्धा पेंशन की उम्र सीमा 60 से 50 करने पर विचार कर रही है. एसटी और महिलाओं को इसका लाभ दिया जायेगा. इससे 18 लाख नये पेंशनधारी जुड़ेंगे.
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उन्होंने कहा कि झारखंड में ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए बोर्ड का गठन किया जायेगा. प्रत्येक जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जायेगा. वर्तमान में ट्रांसजेंडरों को ओबीसी-टू का दर्जा दिया गया है और विभाग उनके उत्थान के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में सावित्रीबाइ फुले किशोरी समृद्धि योजना बच्चियों के शिक्षा व बाल विवाह को रोकने उद्देश्य लागू किया गया है. वर्ष 2023-24 में अब तक 6 लाख 21 हजार बच्चियाें ने इस योजना का लाभ लिया है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में इसे नौ लाख से ज्यादा का लक्ष्य रखा है.
बुजुर्गों के साथ प्यार बांटेंगे अनाथ बच्चे, साथ होगा आश्रालय
सरकार ओल्ड एज होम और चाइल्ड एक ही परिसर में बनाने की कार्य योजना बनायी है. सचिव ने कहा कि बुजुर्गों को बच्चों प्यार मिल सके और बच्चों की भी देखभाल हो सके, इसलिए इनको साथ रखा जाने की कार्य योजना है. बुर्जुग भी अकेला महसूस नहीं करेंगे. पलामू, दुमका और लातेहार में एक ही परिसर में दोनों के लिए आश्रालय बनाने की योजना है. इसके साथ ही हर जिला में ओल्ड एज होम बनाया जायेगा.
बच्चों के संरक्षण व देखभाल के लिए मिलेंगे चार हजार
राज्य सरकार ने बाल कल्याण के लिए विशेष कार्य योजना तैयार किये हैं. बच्चों के संरक्षण व देखभाल की कोई जिम्मेवारी उठायेगा, तो उसे प्रति बच्चा चार हजार रुपये का स्पॉन्सरशिप दिया जा रहा है.अब तक यह लाभ 4 हजार 497 बच्चों को दिया जा चुका है. विधि के उल्लंघन में लप्ति बच्चों के मामलों के निपटारा हेतु सृजित किशोर न्याय बोर्ड को बढ़ाकर 26 किया गया है.
विधवा से शादी करने पर दो लाख की सम्मान राशि
सचिव श्री झा ने कहा कि समाज में कुरीतियों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. कम उम्र में महिलाएं विधवा हो जाती हैं. उनके भरण-पोषण का संकट होता है. उन्हें जीवन में साथी की जरूरत होती है. विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए दो लाख रुपये का सम्मान राशि देने का प्रावधान किया जा रहा है.