डीपफेक से लोगों को किया जा रहा दिग्भ्रमित
2023 तक पूरे विश्व में 5.18 बिलियन इंटरनेट यूजर्स और 4.8 बिलियन सोशल मीडिया यूजर तैयार हो चुके हैं. ऐसे में गलत खबरों का प्रचार तेजी से हो रहा है. इससे सामाजिक चुनौतियां बढ़ रही हैं.
रांची. 2023 तक पूरे विश्व में 5.18 बिलियन इंटरनेट यूजर्स और 4.8 बिलियन सोशल मीडिया यूजर तैयार हो चुके हैं. ऐसे में गलत खबरों का प्रचार तेजी से हो रहा है. इससे सामाजिक चुनौतियां बढ़ रही हैं. लोग साइबर ठगी से परेशान थे और अब डीपफेक से लोगों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है. ये बातें साइबर एक्सपर्ट पराशर सिकदर ने कहीं. वह साइबरपीस और गूगल की ओर से शनिवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों के लिए साइबर सिक्योरिटी और मीडिया लिटरेसी पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. इसका विषय : फाइटिंग मिसइंफॉरमेशन एंड डीपफेक : फर्स्ट रिस्पांडर्स एंड मिथबस्टर”” था. इस मौके पर श्री सिकदर ने एआइ के दुरुपयोग की जानकारी दी. उन्होंने तकनीकी सत्र में फेक न्यूज, डीपफेक और वायरल वीडियो की पहचान करने में सक्षम विभिन्न गूगल टूल्स की जानकारी दी. वहीं, साइबर पीस के सीइओ मेजर विनीत कुमार ने पत्रकारों को फेक न्यूज और डीपफेक जैसे मामलों की सूचना तुरंत साझा करने की अपील की. कहा कि आनेवाले समय में टूल्स की जानकारी लोगों से साझा की जायेगी. इससे फर्स्ट रिस्पांडर अभियान से लोग जुड़कर अपनी समस्या साझा कर सकेंगे. इससे साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता बढ़ेगी. मेजर विनीत ने पत्रकारों को आइटी रूल्स 2021, शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) और डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 की भी जानकारी दी. कार्यशाला को सफल बनाने में साइबर पीस के गौतम कुमार, अंजनी कुमार, शुभांगी शिफा समेत अन्य का योगदान रहा.