रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा की वर्चुअल रैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब देश और राज्य में कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत हो रही है, तब भाजपा राजनीति के रंग में रंगी है. दूसरे देशों के राष्ट्रपति या प्रमुख कोरोना संक्रमण बढ़ने पर फूट-फूट कर रोये हैं. लेकिन हिन्दुस्तान में वर्चुअल रैली हो रही है.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है भाजपा वर्चुअल रैलियां कर रही हैं. 70 हजार एलइडी लगवाकर 150 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. उन्होंने बिहार की वर्चुअल रैली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिस हिसाब से वर्चुअल रैली पर पैसे खर्च हुए उससे देशभर के मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाया जा सकता था.
लोकतंत्र का सबसे बड़ा दरबार जनता का दरबार है. जनता आकलन कर हिसाब लेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. सीएम ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कहा है कि केंद्र सरकार के सामने कई मांगें रखी गयीं, लेकिन झारखंड को एक वेंटिलेटर तक नहीं मिला है. दूसरी ओर राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है.
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कोरोना पर सरकार की नजर : लॉकडाउन के सवाल पर सीएम ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में जीवन और जीविका के बीच चाणक्य नीति के अनुसार जीवन को चुनना होगा. जीवन रहा तो जीविका के लिए आगे बढ़ सकेंगे. कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण और इससे हो रही मृत्यु पर सरकार की नजर है. कुछ कैज्यूल्टी हुई है. हर पहलु का मूल्यांकन हो रहा है. सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ लॉकडाउन पर निर्णय लेगी. केवल झारखंड की अर्थव्यवस्था से पूरे देश की अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी.
मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने की बात रखी : सीएम ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव से मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने एवं मैनडेज बढ़ाने की मांग रखी गयी है. बीआरओ के मामले में सीएम ने कहा कि देश की सीमाओं पर अब तक असंगठित तरीके से मजदूर जाते रहे उनके शोषण की कहानी अब सबके सामने आ चुकी है. अब मजदूरों के जानमाल की रक्षा हो सकेगी. उन्हें वाजिब मजदूरी और जीने की गारंटी भी मिलेगी.
राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त होगी
एटीएस के एसपी और जमीन के अवैध कारोबार से जुड़े मुखबिर दिलावर खान के साजिश के तहत दो निर्दोषों को फंसाये जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि प्रशासनिक सुधार की कवायद शुरू की गयी है. संभव है इस दौरान इस तरह की चीजें सामने आयेंगी.
अब राज्य को दिशा दी जा रही है. बीच में बहुत सारे रूकावटे हैं. चाहे प्रशासनिक स्तर पर हो या अन्य कोई कारण हो. जब खेत में हल चलेगा तो पत्थर गिट्टी तो बाहर आयेंगे ही. आने वाले समय में राज्य के लिए एक बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था भी खड़ा किया जायेगा
posted by : Pritish Sahay