मैक्लुस्कीगंज. मैक्लुस्कीगंज व आसपास के क्षेत्रों में भाई-बहन के अटूट स्नेह, समर्पण, संस्कृति और परंपरा का लोक पर्व करम श्रद्धाभाव से मनाया गया. पूजा के लिए मैक्लुस्कीगंज के चट्टीनदी, हेसालौंग, लपरा, जोभिया, नावाडीह, टोंगरीतर, दुल्ली, हरहु, मायापुर, चीनाटांड़ सहित अन्य जगहों पर अखड़ा को पत्तों और फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया. दोपहर बाद युवा व बुजुर्ग मांदर और नगाड़े के साथ करम की डाल लेकर अखड़ा पहुंचे. जहां पाहनों ने विधिपूर्वक करम डाली गाड़कर पूजा की. सभी ने संसार की सुख, शांति, समृद्धि, हरियाली और खुशहाली के लिए करमदेव की आराधना की. पूजा में व्रती स्नान कर नये वस्त्र धारण कर शामिल हुए. पूजा को लेकर बहनों ने उपवास रखा. पूजा के साथ करम की कथा सुनायी गयी. पाहनों ने व्रतियों व श्रद्धालुओं के कानों में जावा फूल खोंसा. ढोल, नगाड़े व मांदर की थाप तथा करम गीतों पर लोग जमकर नृत्य किये. अखड़ा नू करमा बरचा, छोटे मोटे नंदिया के फूल मोंय बांधलों, तिनकुनिया चैड़ा उइया कादय भइया रे बिड़ओ गूटी अमके उइया जैसे पारंपरिक गीतों पर लोग झूम कर नाचे.
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