रांची में एलिवेटेड रोड और फ्लाइओवर की आस में हर दिन गड्ढे में गिर रहे लोग
सुनहरे सफर का सपना गड्ढों में हिचकोले खा रहा है. एलिवेटेड रोड और फ्लाइओवर की आस में राजधानीवासियों को गड्ढों में घुसना पड़ रहा है. गड्ढे में गिरकर लोग जख्मी हो रहे हैं. गुरुवार को रातू रोड मुख्यमार्ग पर आकाशवाणी के ठीक सामने स्थित गड्ढे में स्कूटी पलट गयी. स्कूटी सवार महिला घायल हो गयी.
Ranchi news: सुनहरे सफर का सपना गड्ढों में हिचकोले खा रहा है. एलिवेटेड रोड और फ्लाइओवर की आस में राजधानीवासियों को गड्ढों में घुसना पड़ रहा है. गड्ढे में गिरकर लोग जख्मी हो रहे हैं. गुरुवार को रातू रोड मुख्यमार्ग पर आकाशवाणी के ठीक सामने स्थित गड्ढे में स्कूटी पलट गयी. स्कूटी सवार महिला घायल हो गयी. वहीं बुधवार को एक बाइक सवार बहुबाजार से कांटाटोली चौक आने के दौरान ठीक चौक के पहले जर्जर सड़क के कारण असंतुलित होकर गिर पड़ा. इस तरह की घटनाएं रोज हो रही हैं. कांटाटोली में, तो गाड़ियां हिचकोले खाते चल रही हैं.
मिट्टी जांच के नाम पर खोद दिये गड्ढे, भरा भी नहीं
रातू रोड में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए जाकिर हुसैन पार्क से लेकर पिस्का मोड़ तक मिट्टी टेस्ट किया गया. फिर गड्ढे ऐसे ही छोड़ दिये गये. बाद में गड्ढे में डस्ट डाला गया, वह भी बारिश में निकल गया. अब हर 30-40 फीट पर गड्ढा ऐसे ही पड़ा हुआ है.
हर दिन गिर रहे दोपहिया वाहन चालक
एलिवेटेड रोड बनना है, इसलिए इटकी रोड की भी मरम्मत नहीं हो रही है. नतीजा है कि इटकी रोड पूरी तरह जर्जर हो गया है. बारिश में गड्ढे बड़े होते जा रहे हैं. कहीं-कहीं, तो सड़क ही नहीं दिख रही. यानी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी है. वाहन चालकों को गड्ढे में घुस कर आना-जाना करना पड़ रहा है. यहां हर दिन दोपहिया वाहन चालक गिर रहे हैं. ऑटो पलटने से बच रहे हैं.
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जो थोड़ी सड़क बची है, वह भी गड्ढों से भरी है
कांटाटोली में फ्लाइओवर निर्माण के कारण पूरी सड़क घेर ली गयी है. दोनों ओर गाड़ियों के आने-जाने के लिए संकरा रास्ता बचा है, लेकिन इस रास्ते का भी हाल बेहाल है. सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं. ये गड्ढे भी बड़े-बड़े हो गये हैं. इन गड्ढों को भरने की चिंता किसी को नहीं है. पतले रास्ते में किसी तरह हिचकोले खाती गाड़ियां आ जा रही हैं. इससे जाम भी लग रहा है. स्थिति नारकीय हो गयी है.
सहजानंद चौक सड़क को कर दिया बदतर
सहजानंद चौक को सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण के नाम पर बदतर कर दिया गया है. हाल ही में यहां सड़क बनायी गयी, लेकिन सड़क का हाल खराब हो गया है. पूरी सड़क पर चिप्स बिखरे पड़े हैं और जहां-तहां गड्ढे हो गये हैं. पूर्व में भी घटिया क्वालिटी की सड़क बनायी गयी थी. इसके बाद पूरे मेटेरियल को उखाड़ कर फिर से सड़क बनायी गयी. अब भी यही स्थिति है. इसका काम नगर विकास विभाग की ओर से कराया गया. कुछ महत्वपूर्ण चौक-चौराहा को विकसित करने की जिम्मेवारी नगर विकास विभाग ने ली है.
सड़क चौड़ीकरण के लिए मार्किंग शुरू
कचहरी चौक से कांटाटोली चौक के चौड़ीकरण व विस्तारीकरण कार्य के लिए जुडको द्वारा मार्किंग किया जा रहा है. सड़क का सर्वे कार्य भी जारी है. जाम से मुक्ति दिलाने और सुगम यातायात के लिए सर्कुलर रोड को कचहरी चौक से कांटाटोली चौक तक फोरलेन करने पर काम किया जा रहा है. सड़क को फोरलेन बनाने और भूमि अधिग्रहण पर लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा. कचहरी चौक से कांटाटोली चौक तक सड़क की कुल लंबाई 2.72 किलोमीटर है. वर्तमान में सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है.
नोबा नगर रोड में सड़क नहीं, सिर्फ गड्ढे
बीच शहर की सड़कों की दशा खराब है ही. इधर, शहर से थोड़ा बगल में यानी कटहल मोड़ के काफी पहले नोबा नगर जानेवाली सड़क की दुर्दशा पर हर कोई टिप्पणी कर रहा है. इस सड़क को देख कर यह नहीं लगता है कि यह रांची में है, बल्कि सुदूर किसी गांव की सड़क मालूम पड़ती है. यह सड़क आगे सिमलिया रिंग रोड के पास मिलती है. इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं. सड़क का नामोनिशान नहीं है. आना-जाना सिर्फ गड्ढों से ही होता है.
घरों में कैद हैं अमृत नगर के लोग
चिरौंदी में वार्ड नंबर-4 स्थित बैंक कॉलोनी के अमृत नगर 50 से अधिक घरों के लोग सड़क की बदहाली के कारण घरों में ही कैद हो गये हैं. हाल में हुई बारिश के कारण यहां की सड़क पर इतना कीचड़ भर गया है कि पैदल चलनेवाले भी फिसल कर गिर रहे हैं. दरअसल, यह सड़क पहले से ही कच्ची थी. ऊपर से सीवरेज की पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क खोद दी गयी, जिससे सड़क और बदहाल हो गयी है. खराब सड़क के कारण महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूल जानेवाले बच्चों को बहुत दिक्कत होती है. यहां की सड़क बनाने के लिए पार्षद, डिप्टी मेयर और मेयर से लेकर कांके विधायक तक को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन, कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि जब तक सड़क नहीं बन रही है, तब तक मोहल्ले में डस्ट ही गिरा दी जाये, ताकि सड़क चलने लायक बनी रहे.