दामोदर नद तट पर गंगा दशहरा में उमड़े लोग
महोत्सव में पूजन, महाआरती व मेला का आयोजन, नद को निर्मल व स्वच्छ रखने का लिया संकल्प
प्रतिनिधि, मैक्लुस्कीगंज जिस तरह पूरे देश के लोगों के लिए गंगा नदी आस्था का केंद्र है, उसी तरह झारखंड में देवनद दामोदर का महत्व है. राज्य के लोग देवों के नद देवनद को दामोदर के रूप में जानते हैं. देवनद जहां से भी गुजरा है, अपने गर्भ में अकूत खनिज संपदा को समेटे हुए है. वर्तमान में दामोदर को कोयला कंपनियां दूषित कर रही हैं. जिससे निर्मल देवनद का अस्तित्व खतरे में है. हमारे पूर्वजों की थाती इस नद को बचाने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है. उक्त बातें रविवार को मैक्लुस्कीगंज के बघमरी में देवनद तट पर गंगा दशहरा सह दामोदर महोत्सव कार्यक्रम में वक्ताओं ने कही. महोत्सव का आयोजन युगांतर भारती के दामोदर बचाओ अभियान के तहत किया गया. गंगा दशहरा महोत्सव की शुरुआत देवनद तट पर पुरोहित सुदामा पांडेय, ग्राम प्रधान रवींद्र मुंडा व यजमान अनंत मुंडा, शैलेन्द्र शर्मा, जितेंद्र भारती की अगुवाई में हवन पूजन व आरती कर की गयी. पुरोहित के मंत्रोच्चारण से नद क्षेत्र गूंज उठा. महोत्सव में आये सभी लोगों ने दामोदर नद को निर्मल व स्वच्छ बनाये रखने का संकल्प लिया. दोपहर में मेला का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ अतिथियों ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया. वहीं संध्या में पूजन के पश्चात तट पर महाआरती आयोजित की गयी. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. महोत्सव में जिप सदस्य खलारी सरस्वती देवी, लपरा मुखिया पुतुल देवी, शशिभूषण सिंह, युगांतर भारती एनके एरिया संयोजक आनंद झा, विधायक प्रतिनिधि श्यामसुंदर सिंह, अरविंद सिंह, मंतू मुंडा, शशि प्रसाद साहू उपस्थित थे. महोत्सव को सफल बनानेवाले लोग : गंगा दशहरा के सफल आयोजन व पूजन कार्य में पूरे क्षेत्र के लोगों ने सहयोग किया. इनमें मुख्य रूप से रामधारी गंझू, मनीष भगत, पवन साहू, बिशेश्वर मुंडा, कुलदीप साहू, शिवनारायण लोहरा, हरदयाल टानाभगत, अविनाश टानाभगत, महेंद्र, कुलदीप साहू, राधेश्याम प्रसाद सहित मेला समिति के अन्य ने योगदान दिया.
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