रांची, उत्तम महतो : राजधानी रांची में कड़ाके की ठंड के बावजूद 60 से 65 लोग फुटपाथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं. ये लोग बोरा ओढ़ कर रात गुजार रहे हैं. नगर निगम द्वारा पांच बार रेस्क्यू कर इन्हें आश्रय गृह लाया गया, लेकिन, सुबह होने से पहले ही ये लोग वहां से भाग कर फुटपाथ पहुंच जाते हैं. ये लोग मेन रोड स्थित अलबर्ट एक्का चौक और शहीद चौक के आसपास रात गुजारते हैं. चेतावनी देने के बावजूद बार-बार आश्रय गृह से भागने के कारण नगर निगम ने अब सदर एसडीओ से ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए फोर्स व मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
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पांच बार निगम की टीम ने रेस्क्यू कर आश्रय गृह लाया, लेकिन ये भागकर फिर फुटपाथ पर आ गये
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निगम ने इन पर कार्रवाई के लिए सदर एसडीओ से फोर्स व मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराने का किया आग्रह
रांची शहर में हैं 12 आश्रय गृह
खुले आसमान के नीचे लोग रात न गुजारें, इसके लिए रांची नगर निगम द्वारा शहर में 12 जगहों पर आश्रय गृह का संचालन किया जा रहा है. अटल स्मृति वेंडर मार्केट, कांटाटोली चौक में एक महिला व एक पुरुष, बकरी बाजार, रिम्स, मधुकम, एजी मोड़, कर्बला चौक व जगन्नाथ मंदिर के समीप आश्रय गृह का संचालन किया जा रहा है. यहां पर बेड, कंबल, तकिया से लेकर लाइन व पेयजल की नि:शुल्क सुविधा है. लेकिन, इतनी सुविधा होने के बाद भी ये लोग निगम के आश्रय गृह में नहीं रहना चाहते हैं. निगम की टीम जब इन्हें जबरन वाहन से आश्रय गृह लेकर आती है, तो ये लोग तर्क देते हैं कि निगम को अगर इतनी ही चिंता है तो अलबर्ट एक्का चौक में ही आश्रय गृह का निर्माण करा दिया जाये. हम इस जगह को छोड़ कर कहीं नहीं जानेवाले.
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बेघरों को ठंड में खुले आसमान के नीचे सोना न पड़े, इसके लिए शहर में अलग-अलग जगहों पर आश्रयगृह का संचालन किया जा रहा है. यहां ठंड से बचने के लिए सारी सुविधाएं हैं. इसके बावजूद कुछ लोग फुटपाथ पर ही सोने पर आमादा हैं. ऐसे लोगों पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन से फोर्स व मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराने की मांग की गयी है.
कुंवर सिंह पाहन, अपर प्रशासक
कंबल की लालच में नहीं छोड़ रहे फुटपाथ
नगर निगम के कर्मियों का कहना है कि रात को काफी संख्या में सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़े लोग रांची के प्रसिद्ध अलबर्ट एक्का चौक पहुंचते हैं. यहां फुटपाथ पर इन्हें बोरा ओढ़कर सोता देख कंबल, खाना और पैसे भी देते हैं. वहीं, कई लोग सालगिरह और अपने बच्चों के जन्मदिन पर भी वाहनों में कंबल लेकर समाजसेवा करने के लिए यहां आते हैं. यहां से भी इन्हें कंबल, खाना व पैसे मिल जाते हैं. इसलिए ये लोग फुटपाथ नहीं छोड़ना चाहते हैं.
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