एसपीजी स्कूल, चाईबासा में निर्माण कार्य को लेकर रांची में बिशप से मिले लोग
एसपीजी स्कूल, चाईबासा में निर्माण कार्य को लेकर रांची में बिशप से मिले लोग
रांची : झामुमो की पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी ने सीएनआइ, छोटानागपुर डायसिस के बिशप बीबी बास्के से बिशप हाउस में मुलाकात की. कमेटी ने एसपीजी मिशन बालक हाइस्कूल, चाईबासा के परिसर में जयंत अग्रवाल द्वारा अवैध निर्माण कराने का आरोप लगाते हुए रोक लगाने की मांग की. जयंत अग्रवाल सीएनआइ छोटानागपुर डायसिस एजुकेशन सोसाइटी के सचिव हैं. साथ ही वे सीएनआइ सिनोड के कोषाध्यक्ष व एसपीजी स्कूल चाईबासा के सचिव भी हैं.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जिला सचिव सोनाराम देवगम ने कहा कि जयंत अग्रवाल ने रांची की कुशवाला इंजिकॉम लिमिटेड नामक कंपनी के साथ तीन जनवरी 2020 को इकरारनामा किया है. उन्होंने खुद को प्रथम पक्ष, अर्थात जमीन का मालिक बताते हुए प्लाॅट संख्या 273, एमएस प्लाॅट संख्या 81 पर आवासीय व व्यवसायिक भवन बनाने का एकरारनामा किया. चाईबासा की वह जमीन आदिवासियों की है, जिसे पूर्वजों ने आदिवासी समुदाय के विकास व शिक्षण कार्यों के लिए दान में दिया था.
शिक्षा के लिए उपलब्ध भूमि के व्यसायीकरण से क्षेत्र की जनता काफी निराश व आक्रोशित है. हम जमीन का गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं कर सकते. बिशप इस मामले का त्वरित संज्ञान लें. प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय सदस्य इकबाल अहमद, प्रेम मुंडरी व राहुल तिवारी शामिल थे.
जमीन एसपीजी की, स्कूल सचिव ने ली है अनुमति : जयंतइधर, संपर्क करने पर जयंत अग्रवाल ने दूरभाष पर कहा कि वह जमीन सोसाइटी आॅफ प्रोपोगेशन आॅफ गॉस्पल (एसपीजी) की है और छोटानागपुर डायसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (सीएनडीटीए) को हस्तांतरित नहीं हुई है. 1960 में जब एसपीजी की जमीन सीएनडीटीए के नाम पर हस्तांतरित हो रही थी, उसमें यह जमीन हस्तांतरित नहीं हुई.
पुरानी जमीन पर नया भवन बनाने के लिए मैनेजमेंट का अप्रूवल लिया गया है. सड़क किनारे निर्माण के मामले में स्कूल प्रबंधन ने पहले ही अनुमति ले ली है. स्कूल का सचिव जमीन का मालिक होता है. जमीन की रसीद एसपीजी के नाम से कटती है.
अंचल में भी इसी का नाम है. स्कूल के सचिव ने नक्शा के लिए आवेदन दिया. भवन का नक्शा और अन्य सभी काम सचिव के नाम से हुए हैं. कोई भी एग्रीमेंट कोई व्यक्ति निजी रूप से नहीं कर सकता. यह स्कूल का सचिव ही कर सकता है.
Post by : Pritish Sahay