ताेरण द्वार पर रार, रांची के दुर्गापूजा समिति के लोगों को कोर्ट से मिला नोटिस
रांची के रातू रोड स्थित ‘आरआर स्पोर्टिंग क्लब दुर्गापूजा समिति’ के आयोजन स्थल के पास बन रहे तोरण द्वार को लेकर नोटिस मिला है. समिति के कोषाध्यक्ष रोहित यादव ने बताया कि बीते दिनों सुखदेवनगर थाना प्रभारी पंडाल के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची और तोरण द्वार को हटाने को कहा था.
Ranchi News: रांची के रातू रोड स्थित ‘आरआर स्पोर्टिंग क्लब दुर्गापूजा समिति’ के आयोजन स्थल के पास बन रहे तोरण द्वार पर सुखदेवनगर थाना प्रभारी ने एतराज जताया है. साथ ही एसडीओ से धारा-107 (शांति भंग होने की आशंका) के तहत कार्रवाई की अनुशंसा कर दी. रविवार को एसडीओ कोर्ट से नोटिस भी आ गयी. इससे नाराज समिति के सदस्यों ने दुर्गापूजा पंडाल का निर्माण कार्य रोक कर विरोध प्रदर्शन किया. इसकी सूचना जब एसएसपी किशोर कौशल के पास पहुंची, तो उन्होंने पहल करते हुए दोनों पक्षों को वार्ता के लिए बुलाया. इसके बाद पंडाल का निर्माण शुरू हो गया.
पंडाल के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची थी कोषाध्यक्ष
समिति के कोषाध्यक्ष रोहित यादव ने बताया कि बीते दिनों सुखदेवनगर थाना प्रभारी ममता कुमारी पंडाल के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची थीं. तब सड़क पर बनाये जा रहे तोरण द्वार को हटाने को कहा. इस पर समिति की ओर से कहा गया था कि आने-जाने वालों की सहूलियत के लिए तोरण द्वारा ठीक कर लिया जायेगा. इसके बावजूद थाना प्रभारी ने मामले को एसडीओ कोर्ट में ले जाने की चेतावनी दी थी.
क्या लिखा है नोटिस में
एसडीओ कोर्ट से रोहित यादव, राहुल यादव, विक्की यादव (पिता-स्व कृष्णा यादव) के नाम पर जारी नोटिस में कहा गया है कि संभव है कि आप शांति भंग करेंगे या ऐसा कार्य करेंगे, जिससे शांति भंग हो सकती है. इसलिए आप स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से 28 सितंबर को एसडीओ न्यायालय में उपस्थित हों.
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पुलिस-प्रशासन पूरी तरह तत्पर
दुर्गोत्सव के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह तत्पर है. किसी को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जायेगी. आरआर स्पोर्टिंग के मामले में दोनों पक्षों को बुला कर समझा दिया गया है. इसके साथ ही मामले का पटाक्षेप हो चुका है.
लेफ्ट फ्री कर दो डिवाइडर बनाये गये
न्यू मार्केट के पास चौक को लेफ्ट फ्री कर दो डिवाइडर बनाये गये हैं. तोरण द्वार डिवाइडर से आगे बना लिया गया था. इसे पीछे हटाने के लिए कहा गया, लेकिन समिति के सदस्यों ने मना कर दिया था. इसलिए धारा-107 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी.