लोगों को बीमार बना रहा फ्लाइ ऐश

कोल डस्ट के क्षेत्र में रहने वाले खलारी कोयलांचल के लोग पहले कोयला धूल से परेशान थे अब इनदिनों सफेद डस्ट से परेशान हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 6:11 PM

नियमों को ताक पर रखकर जारी है एनटीपीसी के फ्लाइ ऐश का परिवहन

प्रतिनिधि, खलारी

कोल डस्ट के क्षेत्र में रहने वाले खलारी कोयलांचल के लोग पहले कोयला धूल से परेशान थे अब इनदिनों सफेद डस्ट से परेशान हैं. गुरुवार को भी दर्जनों डंफरों और ट्रक से सफेद डस्ट एनटीपीसी टंडवा से निकला फ्लाइ ऐस जो सड़क मार्ग से परिवहन के दौरान खलारी की सड़कों पर गिरा है. एनटीपीसी टंडवा से प्रतिदिन दर्जनों ट्रक व हाइवा डंपर फ्लाइ ऐश लेकर अपने गंतव्य के लिए जा रहे हैं. नियम के अनुसार पर्यावरण अनुकूल तरीके से फ्लाइ ऐश का परिवहन किया जाना है. एनजीटी ने फ्लाइ ऐश परिवहन के लिए मानक तय किए हैं. पर्यावरण रक्षा के सभी नियमों को ताक पर रखकर फ्लाइ ऐश का सड़क मार्ग से परिवहन किया जा रहा है. परिवहन के दौरान जगह-जगह फ्लाइ ऐश सड़क पर गिरता जाता है. फ्लाइ ऐश ढो रहे ट्रक व हाइवा ओवरलोड भी होते हैं. इस दौरान राख सड़क पर गिरता जाता है और वाहनों के चक्के से घूमता हुआ वातावरण में फैल जाता है. केडी बाजार की स्थिति है कि सुबह दुकानदार दुकान की सफाई करते परेशान हो जाते हैं. बंद दुकान के अंदर तक राख फैला होता है. वहीं, सड़क पर गिरा राख सारा दिन वाहनों के पीछे उड़कर लोगों को परेशान करता रहता है.

कितने खतरनाक हैं ये कण

सड़क मार्ग से परिवहन के दौरान वातावरण में फैल रहा फ्लाइ ऐश स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. फ्लाई ऐश को दुनिया भर में एक पर्यावरणीय खतरा माना जाता है. फ्लाइ ऐश में पर्याप्त मात्रा में सिलिकाॅन डाइऑक्साइड, एल्युमीनियम ऑक्साइड, फेरिक ऑक्साइड और कैल्शियम ऑक्साइड शामिल होते हैं. फ्लाइ ऐश के कण जहरीले वायु प्रदूषक हैं. वह हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को बढ़ा सकते हैं. फ्लाइ ऐश की ढुलाई बंद गाड़ियों में नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा दिखने लगेगा.

क्या है फ्लाइ ऐश :

फ्लाइ ऐश एक औद्योगिक अपशिष्ट है. प्लांट्स में कोयले के जलने से उत्पन्न होता है. यह एक फाइन पाउडर होता है, जो कोयले के जलने से उत्पन्न होने वाले धुएं में मौजूद होता है. कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट से उत्पन्न होने वाली भारी मात्रा में राख (फ्लाई ऐश) का प्रबंधन एक गंभीर पर्यावरणीय चुनौती है.

क्यों बनी है ऐसी स्थिति :

एनटीपीसी टंडवा से खलारी व रांची रिंग रोड होकर फ्लाइ ऐश का परिवहन खुले हाइवा, ट्रकों में किया जा रहा है. ट्रक के डाला को यांत्रिक रूप से ढकने के बजाय तिरपाल से ढककर औपचारिकता पूरी की जा रही है, जो सीपीसीबी के गाइडलाइन का सीधा उल्लंघन है. टंडवा से लेकर रांची के रिंग रोड तक सड़क पर फ्लाई ऐश गिरा देखा जा सकता है.

स्वास्थ्य के लिए फ्लाइ ऐश के हानिकारक प्रभाव :

श्वसन समस्याएं :

फ्लाइ ऐश में मौजूद कण श्वसन प्रणाली में समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

कैंसर :

रसायनिक तत्व कैंसर का कारण बन सकते हैं.

हृदय रोग :

भारी धातु हृदय रोग का कारण बन सकते हैं.

न्यूरोलॉजिकल समस्याएं :

रसायनिक तत्व न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

त्वचा समस्याएं :

रसायनिक तत्व त्वचा समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

पर्यावरण के लिए फ्लाइ ऐश के हानिकारक प्रभाव :

वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, वनस्पति और जीव-जन्तुओं को नुकसान होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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