कोरोना के भय से परेशान लोग करा रहे काउंसेलिंग
रांची : कोरोना वायरस के प्रकोप से भयभीत कई लोग परेशान हैं. वह मानसिक तनाव में हैं. घबराहट में वे मेंटल हेल्थ काउंसेलिंग सेंटर में फोन भी कर रहे हैं. वहां मनोवैज्ञानिक और मनो सामाजिक कार्यकर्ता एक-एक व्यक्ति की बात सुन रहे हैं अौर उनकी काउंसेलिंग कर उन्हें समझा रहे हैं. उन्हें हिम्मत रखने और […]
रांची : कोरोना वायरस के प्रकोप से भयभीत कई लोग परेशान हैं. वह मानसिक तनाव में हैं. घबराहट में वे मेंटल हेल्थ काउंसेलिंग सेंटर में फोन भी कर रहे हैं. वहां मनोवैज्ञानिक और मनो सामाजिक कार्यकर्ता एक-एक व्यक्ति की बात सुन रहे हैं अौर उनकी काउंसेलिंग कर उन्हें समझा रहे हैं. उन्हें हिम्मत रखने और परहेज करने सहित अन्य टिप्स दे कर उनकी मानसिक स्थिति ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं. पारिवारिक व्यवहार, दिनचर्या ठीक करने, स्वस्थ भोजन, घबराहट की स्थिति से बचने और नींद लाने के तरीके आदि की जानकारी दे रहे हैं.
एसोसिएशन अॉफ साइकियाट्रिक सोशल वर्क प्रोफेशनल तथा रिनपास सोशल वर्क डिपार्टमेंट की तरफ से चल रहे इस सहायता कार्यक्रम में रिनपास स्थित साइकियाट्रिक सोशल वर्क विभाग की अध्यक्ष डॉ मनीषा किरण बताती हैं कि उनके पास रोजाना मानसिक परेशानी से संबंधित कई कॉल आ रहे हैं. आये तरह-तरह के कॉल26 वर्षीय पेशे से पत्रकार कहते हैं कि वे प्रतिदिन बाहर निकलने से डर गये हैं कि कहीं उन्हें भी कोरोना न हो जाये. जिससे वह और उनके परिवारवाले भी तनाव में हैं.
इसी प्रकार 33 वर्षीय माइनिंग सरदार ने पूछा कि जहां वे कार्य करते हैं, वहां धूल के कारण वे डरे हुए हैं कि इससे उन्हें कोरोना न हो जाये. फिर उनके परिवार का क्या होगा? 53 वर्षीय एक व्यक्ति ने पूछा कि कोरोना से कहीं उनकी मृत्यु न हो जाये. इसी तनाव में पिछले कई दिनों से अनिद्रा से पीड़ित हो गये हैं. 41 वर्षीया एक गृहिणी ने कॉल कर पूछा कि बाहर से लाये गये सामान/सब्जी को पहले वे धूप में रखती थीं. एक रात उनका आलू छत पर ही छूट गया, अब इनको डर हो गया है कि रात में कहीं चमगादड़ ने आकर आलू में कोरोना वायरस तो नहीं डाल दिया होगा, जिससे वे काफी परेशान हैं. बेचैनी होती है.