Loading election data...

राजधानी में लोडशेडिंग, उमस व गर्मी के बीच बिजली कटौती ने किया त्रस्त

. सरकार के लाख दावों के बाद भी राज्य में बिजली की स्थिति नहीं सुधर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2024 12:16 AM
an image

रांची. सरकार के लाख दावों के बाद भी राज्य में बिजली की स्थिति नहीं सुधर रही है. बिजली वितरण निगम के प्रयास अब नाकाफी साबित हो रहे हैं. रांची के बड़े इलाकों में किसी तरह 18 से 20 घंटे बिजली दी जा रही है. लेकिन, इसमें ट्रिपिंग इतनी ज्यादा है कि इस गर्मी और उमस में लोग पसीने से भीग जा रहे हैं. शुक्रवार शाम को इनलैंड पावर ग्रिड ट्रिप करने के कारण सिकिदरी पावर ग्रिड को पूरी सप्लाई नहीं मिल पायी. इसका असर हटिया-2 ग्रिड पर देखा गया. देर रात तक लोड इतना बढ़ गया कि स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से नामकुम ग्रिड को रात 11 बजे तक 150 मेगावाट की जगह महज 80 मेगावाट पर चलाने का निर्देश दिया गया.

कोकर, लालपुर, सर्कुलर रोड में बिजली संकट

सिकिदरी – नामकुम ग्रिड ट्रांसमिशन लाइन पर भी इसका दबाव देखा गया. वहीं, नामकुम से जुड़े 33 केवीए कोकर रूरल और अर्बन सबस्टेशन से कई इलाकों में हर दो घंटे के अंतराल पर बिजली कट रही थी. पिक आवर के दौरान यह अंतर और भी ज्यादा कम हो गया और इसके चलते कोकर, लालपुर, सर्कुलर रोड से लेकर वर्द्धमान कंपाउंड का पूरे इलाके को बिजली संकट जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा.

पिक आवर में ज्यादा कट रही बिजली

शाम सात बजे के बाद बिजली कटने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह रात 11 बजे तक जारी था. यहां आलम यह रहा कि जितनी बिजली दिनभर लोगों को मयस्सर हुई, उससे ज्यादा समय लोगों को इसके इंतजार में बिताना पड़ा. शहर से लगे ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और भी खराब है. पावर कट ज्यादा रहने से उद्योग, व्यापार, बाजार, होटल (आवासीय) और स्वास्थ्य सेवाओं आदि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. घरेलू कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.

मांग के अनुरूप ग्रिडों को मिल रही बिजली, फिर भी पावर कट

राजधानी रांची में इस बार मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति होने के बाद भी बिजली को लेकर परेशानी बनी हुई है. राज्यभर में गर्मी के कारण अब 2500 मेगावाट से ज्यादा की डिमांड हो गयी है. अकेले राजधानी में ही 370 मेगावाट तक डिमांड जेनरेट हो रही है. आम तौर पर 40-45 मेगावाट पर चलनेवाले कांके ग्रिड से रात आठ बजे 88 मेगावाट डिमांड जेनरेट हो रही थी. टीवीएनएल से करीब 350 मेगावाट तक उत्पादन होता है, शेष बिजली झारखंड बिजली उत्पादन निगम के अलावा इनलैंड, राष्ट्रीय ग्रिड, सेकी और इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से ली जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version