झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) द्वारा पावर फायनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) से 750 करोड़ रुपये लोन लेने की प्रक्रिया चल रही है. पीएफसी को कागजात भेजे जा चुके हैं. बताया गया कि 12 दिसंबर को पीएफसी 750 करोड़ में से 204 करोड़ रुपये रिलीज कर देगा. इस राशि का भुगतान डीवीसी को बकाया मद में सीधे पीएफसी से कर दिया जायेगा. इसके साथ ही केंद्र द्वारा बिजली लेने पर लगी रोक हट जायेगी. तब झारखंड जरूरत के मुताबिक बिजली ले सकता है और लोड शेडिंग की समस्या से झारखंड को निजात मिल सकती है.
वर्तमान में 300 से 400 मेगावाट की लोड शेडिंग हो रही है. हालांकि, राजधानी रांची को फुल लोड बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य के अन्य हिस्सों- खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लातेहार, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला के साथ-साथ संताल-परगना में लोड शेडिंग हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि सोमवार से यह समस्या भी समाप्त हो जायेगी. बताया गया कि डीवीसी कमांड एरिया में सामान्य आपूर्ति हो रही है, फिर भी धनबाद, हजारीबाग व गिरिडीह के कुछ इलाकों में दो से तीन घंटे बिजली कटौती की शिकायत मिली है. बताया जा रहा है कि यह लोकल फॉल्ट की वजह से संभव है.
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उपराजधानी और आसपास के जिलों में लचर बिजली आपूर्ति से परेशान विद्यार्थियों का गुस्सा शनिवार को फूटा. सिदो-कान्हू मुर्मू विवि छात्र समन्वय समिति के आह्वान पर सुबह 8:00 बजे सैकड़ों छात्र लाठी-डंडे लेकर सड़क पर उतर गये और गोबिंदपुर-साहिबगंज रोड तथा फूलो-झानो चौक के पास रिंग रोड को जाम कर दिया. पुलिस पदाधिकारियों की पहल और बिजली विभाग के अधिकारियों के आश्वासन पर छात्रों ने तीन घंटे बाद दिन के 11 बजे जाम हटाया. प्रदर्शनकारी छात्रों का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता श्यामदेव हेंब्रम और राजीव बास्की ने बताया कि पिछले कई दिनों से बिजली कटौती हो रही है. रोजाना शाम 7:00 बजे से रात के 11:00 बजे तक बिजली काटी जा रही है. जबकि, यही पढ़ाई का समय होता है.