13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भाकपा-माले को छोड़ वामदलों का प्रदर्शन रहा फीका

झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट बगोदर गंवायी

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टियों का परफारमेंस भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन यानी भाकपा-माले को को छोड़ आमतौर पर फीका रहा. विधानसभा में माले ने प्रमुखता के साथ दस्तक दी. सीपीआइएमएल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दो उम्मीदवार विधायक बन गये. सिंदरी और निरसा उम्मीदवार को परास्त कर राजनीतिक जगत को चौंका डाला. हालांकि, 20 हजार के बड़े अंतर से उसने बगोदर की अपनी परंपरागत सीट गवां दी. सिंदरी में उन्होंने हैविवेट उम्मीदवारों को मात दी. जहां हारे वहां भी शुरुआती दौर में कांटे की टक्कर दी और अंत तक मुकाबले में बने रहे. वहीं, माकपा ने महेशपुर, तमाड़, बहरागोड़ा, जामताड़ा और जामा में मेहनत जरूर की. लेकिन राज्य में माकपा और भाकपा दोनों ही पार्टियों से एक भी प्रत्याशी जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच सके. भाकपा माले नेता भुवनेश्वर केवट ने कहा कि चुनाव में भाकपा माले का प्रदर्शन बेहतर रहा है. हम इस बार दो सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं. अंत तक संघर्ष में रहे माले प्रत्याशी : बगोदर में भाकपा माले विधायक विनोद सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी नागेंद्र महतो से करीब 20 हजार मतों से चुनाव हार गये. सिंदरी की स्थिति बेहतर रही. यहां चंद्रदेव महतो ने कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी को मात दिया. धनवार सीट पर पूर्व विधायक राजकुमार यादव तीसरे नंबर पर रहे. जबकि 2014 में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी. पिछले विधानसभा चुनाव (2019) में सिर्फ एक प्रत्याशी विनोद सिंह ही जीतकर आये थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें