निरंजन कुमार पर प्राथमिकी के लिए मांगी अनुमति, भेजा प्रस्ताव
एसीबी ने निरंजन कुमार के खिलाफ आरंभिक जांच पूरी कर केस करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेज दिया है. सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसीबी आगे अनुसंधान करेगी.
रांची : एसीबी ने निरंजन कुमार के खिलाफ आरंभिक जांच पूरी कर केस करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेज दिया है. सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसीबी आगे अनुसंधान करेगी. इस दौरान निरंजन कुमार की संपत्ति के बारे भी जांच करेगी. उल्लेखनीय है कि निरंजन कुमार के खिलाफ आरोप था कि परिचय का गलत उपयोग करते हुए जेएसयूएनएल और जरेडा के निदेशक बन गये.
अपने कार्यकाल के दौरान अवैध तरीके से वेतन की निकासी की. सरकार के विभिन्न खातों से काम के एवज में करीब 170 करोड़ का भुगतान किया. इसके अलावा परिवार के साथ विदेश भ्रमण किया. संपत्ति के विवरणी में पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं देने, कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए विभिन्न टेंडर में बोर्ड की सहमति के बिना टेंडर की शर्त बदलने सहित अन्य आरोप थे.
सरकार के निर्देश पर एसीबी ने 28 मई को निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू की थी. एसीबी डीजी ने दो सप्ताह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था. आरंभिक जांच में एसीबी को पता चला है कि निरंजन कुमार ने पद का दुरूपयोग कर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर कंपनी को लाभ पहुंचाया. इसके अलावा भी गड़बड़ी से संबंधित तथ्य मिले हैं. केस दर्ज होने के बाद आगे के अनुसंधान में अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जा सकता है.
बैंक घोटाले में केस दर्ज करने की अनुमति मांगी
रांची. निगरानी ने 32.01 करोड़ रुपये के को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सहकारिता विभाग से अनुमति मांगी है. मुख्यमंत्री द्वारा निगरानी जांच का आदेश दिये जाने के बाद घोटाले में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जानी है.
2012-18 के बीच सरायकेला बैंक में पदस्थापित जयदेव प्रसाद सिंह, मेरी प्रिया मिंज, लाल मनोज नाथ शाहदेव, विनय कुमार नारायण, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार सेवैया, दिलीप राय चौधरी, सिद्धेश्वर बिरुली और हरमोन मंडल ने सरकारी पद के दुरुपयोग करते हुए संजय कुमार डालमिया को लाभ पहुंचाया.
posted by : Pritish Sahay