रांची : एसटी-एससी को प्रोन्नति दिये जाने के मामले में सरकार 15 दिनों के बाद निर्णय लेगी़ राज्य गठन के बाद से एसटी-एससी अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रोन्नति में गड़बड़ी के मामले की जांच कर रही विधानसभा की विशेष कमेटी को भरोसा दिलाया गया है कि सरकार इस संबंध में न्यायसंगत फैसला करेगी़ इस मामले में विभिन्न दस्तावेजों व कोर्ट के फैसले के अध्ययन के बाद ही सरकार निर्णय लेगी़
बुधवार को विशेष कमेटी की बैठक हुई़ बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और कार्मिक सचिव अजय कुमार सिंह पहुंच थे़ सरकार की ओर से 15 दिनों का समय मांगे जाने के बाद कमेटी ने कार्यकाल 15 जनवरी तक बढ़ाने का प्रस्ताव स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को भेज दिया है़ पहले इस विशेष कमेटी का कार्यकाल 15 नवंबर तक खत्म हो रहा था़
इधर कमेटी के सदस्यों का कहना था कि प्रोन्नति के मामले में राज्य गठन के बाद से ही अनियमितता हुई है़ वरीयता के आधार पर प्रोन्नति नहीं दी गयी है़ रोस्टर का पालन नहीं हुआ है़ कमेटी ने इस मामले की समीक्षा करते हुए पाया है कि कई विभागों में वरीयता क्रम में नीचे के अधिकारी-कर्मचारी को प्रोन्नत कर दिया गया़ वहीं कमेटी का कहना था कि आरक्षण और प्रोन्नति का मामला दोनों अलग-अलग विषय है़
कमेटी के संयोजक दीपक बिरुआ ने कहा कि एसटी-एससी कर्मियों के साथ अन्याय हुआ है़ सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश के बावजूद प्रोन्नति में स्पष्टता नहीं रखी गयी़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के महाधिवक्ता का भी स्पष्ट राय था कि सरकार प्रोन्नति के मामले में वरीयता का ध्यान रखे़
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद ही सरकार ने गलत परंपरा की शुरुआत की है़ सरकार के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कोई गाइडलाइन नहीं दी गयी. श्री बिरुआ ने बताया कि सरकार की ओर से पूरे मामले में जवाब आने के बाद कमेटी अपना प्रतिवेदन विधानसभा को सौंप देगी़. कमेटी में विधायक डॉ सरफराज अहमद और भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा सदस्य है़ं वहीं बंधु तिर्की विशेष आमंत्रित सदस्य है़ं
posted by : sameer oraon