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रांची : कपड़ा फैक्ट्री के कर्मचारियों के पीएफ-ईएसआई के पैसे का मालिक ने किया गबन, मामला थाने पहुंचा

झारखंड की राजधानी रांची की एक कपड़ा फैक्ट्री के मालिक पर कर्मचारियों के पीएफ-ईएसआई और उनके वेतन का गबन करने का आरोप लगा है. ओरमांझी थाना में कर्मचारियों ने इसकी शिकायत की है. कंपनी के मालिक फोन नहीं उठा रहे.

By Mithilesh Jha | September 11, 2023 1:26 PM

ओरमांझी, रोहित कुमार : रांची की एक कपड़ा फैक्ट्री के मालिक पर कर्मचारियों ने प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) और ईएसआई के पैसे का गबन करने का आरोप लगाया है. साथ ही मानदेय का भुगतान नहीं करने का भी आरोप कंपनी के मालिक पर लगाया है. इस फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 200 कर्मचारियों ने ओरमांझी थाना में मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. कर्मचारियों ने थाना प्रभारी से गुहार लगाई है कि उनके मेहनत का पैसा उनको दिलवाएं.

मैनेजर पर लगाया कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप

कर्मचारियों ने सोमवार को वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक के खिलाफ लिखित शिकायत की है. इन कर्मचारियों ने कंपनी के मैनेजर पर उन्हें लगातार गुमराह करने का भी आरोप लगाया. कर्मचारियों ने लिखित आवेदन में कहा है कि कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक ने दो साल पहले तक उनका पीएफ और ईएसआई का अंशदान वेतन से काटा, लेकिन उसे जमा नहीं करवाया.

कामगारों को मालिक से नहीं मिलने देता था मैनेजर

वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने कहा है कि जब भी वे मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से बात करने की बात कहते, रांची स्थित इस कंपनी के मैनेजर राजीव रंजन उनसे कहते कि अगले महीने पीएफ और ईएसआई दोनों का पैसा जमा जमा करवा दिया जाएगा. इसी तरह कंपनी के दोनों मालिक और मैनेजर ने मिलकर कामगारों को अंधेरे में रखा.

लिखित शिकायत में कर्मचारियों ने कही है ये बातें

लिखित शिकायत में कहा गया है कि 28 अगस्त 2023 को मैनेजर राजीव रंजन और मानव संसाधन विभाग (एचआर) के अधिकारी सबा परवीण ने सभी कर्मचारियों को एक सप्ताह की छुट्टी दे दी. कहा कि रक्षा बंधन है, इसलिए एक सप्ताह तक सभी लोग छुट्टी पर रहेंगे. 4 सितंबर 2023 को कर्मचारी काम करने के लिए कंपनी पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि एक सप्ताह की और छुट्टी दी जा रही है.

कर्मचारियों को पता चला कि कंपनी हो गई है बंद

कामगारों ने जब यह पता करना शुरू किया कि अब कंपनी कब खुलेगी, तो उन्हें मालूम हुआ कि अब कंपनी कभी नहीं खुलेगी. वेस्ट बैंड गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बंद हो गई है. यह सुनते ही कंपनी के कर्मचारियों के होश उड़ गए. वे लोग तत्काल मैनेजर राजीव रंजन के पास पहुंचे. राजीव ने उन्हें बताया कि कंपनी बंद हो गई है. उसने यह भी कहा कि वह तीन महीने पहले ही इस्तीफा दे चुका है.

कानून की शरण में पहुंचे कपड़ा फैक्ट्री के कर्मचारी

इसके बाद कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों ने कानून की शरण में जाना ही उचित समझा. इसके बाद करीब 200 कर्मचारी आज ओरमांझी थाना पहुंचे और थाना प्रभारी से लिखित शिकायत की. उन्होंने अपील की है कि पुलिस उनकी मदद करे और उनका बकाया वेतन और पीएफ व ईएसआई मद में जो पैसे उन्होंने जमा करवाए थे, उन्हें दिलाने की व्यवस्था करें.

कंपनी के मालिक नहीं उठा रहे फोन

इस बीच, कंपनी के मालिक रितेश सिंह और कमल पारीक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. उधर, ओरमांझी के थाना प्रभारी ने कहा है कि कंपनी के कर्मचारियों की ओर से एक लिखित शिकायत मिली है. पुलिस इस पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि 13 सितंबर को मालिक के साथ उनकी वार्ता कराई जाएगी. इसके बाद कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए. बता दें कि कर्मचारियों में 90 फीसदी महिलाएं हैं. इनमें से 70- फीसदी ओरमांझी से बाहर की रहने वाली हैं, जिनका कहना है कि परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा. घर कि किराया कहां से देंगी.

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