आरएसएस और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े शीर्ष नेता पीएफआइ (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के निशाने पर हैं. सेंट्रल एजेंसी से यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय स्पेशल ब्रांच ने सभी एसपी को इंटेलिजेंस रिपोर्ट भेज कर अलर्ट किया है. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआइ नेतृत्व विहीन हो गया है. संगठन के मझोले स्तर के नेता पुलिस और दूसरी एजेंसियों के डर से एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे हैं.
संगठन वर्तमान में निचले स्तर पर काम कर रहा है. निचले स्तर पर ही संघ परिवार के खिलाफ टारगेट कर कार्रवाई करने का एक्शन प्लान तैयार किया गया है, ताकि पीएफआइ का नाम सामने नहीं आये. एनआइए ने 22 सितंबर को छापेमारी के दौरान पीएफआइ के एक सदस्य के पास से एक लिस्ट बरामद की थी, जिसमें आरएसएस से जुड़े पांच लोगों के नाम थे.
रिपोर्ट में पीएफआइ की एक और नयी योजना के बारे में बताया गया है. इसके अनुसार, पीएफआइ हमले के लिए अपराधियों का भी सहारा ले सकता है. तमिलनाडु में इस तरह की सूचना सेंट्रल एजेंसी को मिल चुकी है. उल्लेखनीय है कि पीएफआइ पर प्रतिबंध लगने के बाद झारखंड में भी इसकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.