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ट्रांसपोर्टनगर में फेज-02 का काम शुरू

कांके में सुकुरहुटू रिंग रोड के पास 113.24 करोड़ की लागत से हो रहा है निर्माण

प्रमुख संवाददाता, रांची. कांके में सुकुरहुटू रिंग रोड के पास 113.24 करोड़ की लागत से 40.68 एकड़ में बने राज्य के पहले ट्रांसपोर्टनगर के फेज-02 का काम शुरू कर दिया गया है. इस फेज में नौ एकड़ भूमि पर 55.52 करोड़ की लागत से निर्माण किया जाना है. इसमें 256 वाहनों को खड़ा करने के लिए प्लेटफॉर्म व जलमीनार का निर्माण होगा. इसके अलावा 180 बेड वाली वर्तमान डोरमेट्री को बढ़ाते हुए उसकी क्षमता 600 बेड की जायेगी. वर्ष 2025 में फेज-02 पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. तैयार है एकीकृत भवन व दो वेयर हाउस के साथ तीन तल्लों वाली पार्किंग : जुडको की देखरेख में हैदराबाद की एजेंसी केएमवी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने ट्रांसपोर्ट नगर में एकीकृत भवन व दो वेयर हाउस का निर्माण किया है. तीन तल्लों में छोटे से लेकर बड़े वाहनों की पार्किंग के लिए तीन स्तर का प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. जी प्लस थ्री एकीकृत भवन में 16 ऑफिस और वाहनों से माल की अनलोडिंग के लिए दो लेबल का वेयर हाउस बनाया गया है. ट्रांसपोर्ट नगर में बड़े-छोटे कुल 424 वाहनों को खड़ा करने का प्रावधान किया गया है. लेवल एक प्लेटफाॅर्म पर 93 एक्स्ट्रा लार्ज (22 मीटर लंबा), 11 लार्ज टेलर (18 मीटर लंबा) और 27 स्मॉल (16 मीटर लंबा) वाहन खड़े किये जा सकेंगे. लेवल दो प्लेटफाॅर्म पर 179 लार्ज और 50 स्माॅल वाहन खड़े किये जायेंगे. वहीं, लेवल तीन के प्लेटफाॅर्म पर 64 छोटे वाहन खड़े किये जा सकेंगे. इसके अलावा वहां 150 लोगों के लिए फूड कोर्ट, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो वे ब्रिज, सर्विस स्टेशन, प्रवेश द्वार, सीसीटीवी, वाई-फाई, लैंड स्केपिंग व मनोरंजन के लिए स्थान उपलब्ध कराया कराया गया है. शहर को मिलेगी जाम से मुक्ति : ट्रांसपोर्टनगर शुरू होने से शहर में यातायात का भार कम होगा. इससे शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने में मदद मिलेगी. जमशेदपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग-33), हजारीबाग (एनएच-33), मेदिनीनगर (एनएच-75), गुमला (एनएच-23) और पुरुलिया (राज्य राजमार्ग-01) से रांची आनेवाले वाहन रिंग रोड से बिना शहर में आये ट्रांसपोर्टनगर तक पहुंच सकेंगे. अब तक संचालक भी नहीं चुना गया : ट्रांसपोर्ट नगर का उदघाटन दो महीने पहले हुआ था. जुडको द्वारा इसे रांची नगर निगम को हैंडओवर करने और बाहर से आने वाले वाहनों को ट्रांसपोर्टनगर तक पहुंचाने की योजना तैयार करने में अभी से दो से तीन महीने का समय लग सकता है. जुडको ने अब तक ट्रांसपोर्टनगर के संचालक पर भी फैसला नहीं किया है. न ही भारी वाहनों के यातायात को लेकर जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया है.

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