सुनील चौधरी, रांची : कोरोना के प्रति लोगों को सचेत करनेवाला स्वास्थ्य विभाग खुद कोरोना इफेक्ट में आ गया है. कोरोना है या नहीं, यह जाने बिना ही कोरोना के संदेह में एक कर्मचारी पवन कुमार के कार्यालय में घुसने पर रोक लगा दी गयी है. उसे सचिवालय में प्रवेश करने से रोकने के लिए उसकी तस्वीर नेपाल हाउस सचिवालय के गेट पर मंगलवार को टांग िदया गया. हालांकि बाद में तस्वीर हटा ली गयी. विभाग में कोरोना को लेकर इतनी दहशत है कि संबंधित कर्मचारी जिस उपसचिव के अधीन कार्यरत था, उस सेल में कोई कर्मचारी अब डर के मारे नहीं जा रहा है.
हालांकि जिस कर्मचारी पर संदेह है, वह मंगलवार को कार्यालय आया ही नहीं. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की उपसचिव सीमा कुमारी उदयपुरी अपने कार्यालय में काम कर रही हैं, पर उनके पास कोई भी अाने से कतरा रहा है. वह कर्मचारी यहीं कंप्यूटर पर काम करता था. यह वही कर्मचारी है, जिसका एक दिन पहले कोरोना का टेस्ट कराने से संबंधित प्रिस्क्रिप्शन वायरल हो गया था.
कर्मचारी को सर्दी और बुखार हुआ था. वह कोरोना का संदेह लेकर कांके रोड के एक डॉक्टर के पास गया. डॉक्टर ने उसे 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने और ब्लड सैंपल की जांच कराने के लिए लिखा. संबंधित व्यक्ति का यही प्रिस्क्रिप्शन सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
दूसरे दिन सचिवालय के गेट पर ही उसकी तस्वीर चिपका दी गयी. सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया गया था कि इस व्यक्ति को सचिवालय के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाये. लगभग एक घंटे तक यह तस्वीर सचिवालय गेट पर टंगी रही. फिर सुरक्षाकर्मियों ने संबंधित विभाग से लिखित आदेश मांगा, जिसके बाद तस्वीर हटा ली गयी.
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मेन गेट पर तस्वीर लगा दी
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एतराज करने पर हटाया
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जिस उपसचिव के कक्ष में कर्मचारी काम करता था, वहां अब जाने से भी कतरा रहे हैं लोग
फ्लू था, पर ठीक हो गया, जांच नहीं करायी : संदिग्ध
संदिग्ध व्यक्ति से जब संवाददाता ने फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि आसनसोल से लौटने के क्रम में ट्रेन में किसी यात्री ने छींक दिया था. इसके बाद से उन्हें भी सर्दी-जुकाम हो गया. फिर बुखार भी आया. बुखार के कारण वह डॉक्टर के पास गये और संदेह व्यक्त किया कि कहीं कोरोना तो नहीं. डॉक्टर ने जांच के लिए लिखा. इसी प्रिस्क्रिप्शन को किसी कर्मचारी ने वायरल कर दिया.