रांची : झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिला में टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने झारखंड में छापामारी की है. शनिवार को खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड में एनआइए की टीम ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) से जुड़े तीन लोगों के यहां एक साथ छापामारी की. जिन लोगों के यहां छापामारी की गयी, उनके नाम अमित जायसवाल, प्रकाश भुइयां और सीताराम जायसवाल हैं.
अमित और प्रकाश तोरपा के रहने वाले हैं, जबकि सीताराम तपकारा थाना क्षेत्र के डिगरी गांव का रहने वाला है. नक्सलियों से सांठगांठ रखने वाले ये तीनों लोग पहले जेल की हवा खा चुके हैं. इन लोगों की संपत्ति भी जब्त की गयी थी. इन लोगों पर पीएलएफआइ के लिए फंडिंग करने का आरोप है. बताया जाता है कि ऐसे ही एक मामले में एक साल पहले (21 फरवरी, 2019) को राजधानी रांची के अलावा गुमला, खूंटी और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 10 ठिकानों पर एनआइए ने एक साथ छापामारी की थी.
झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से की गयी छापामारी के दौरान जांच एजेंसी के हाथ एक डायरी लगी थी, जिसमें पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की ओर से किये गये निवेश से जुड़ी जानकारी थी. उल्लेखनीय है कि नवंबर, 2016 में नोटबंदी के वक्त पीएलएफआइ का सरगना दिनेश गोप अपनी ब्लैक मनी में से एक करोड़ रुपये को व्हाइट मनी में तब्दील करना चाहता था. रांची पुलिस को इसकी भनक मिल गयी और 10 नवंबर, 2016 को दिनेश गोप के 25.30 लाख रुपये को पुलिस ने जब्त कर लिया.
बताया गया कि एक करोड़ रुपये में से 25.30 लाख रुपये की यह पहली खेप रांची जिला के बेड़ो के रेखा पेट्रोल पंप के मालिक नंद किशोर महतो तक गुमला जिला के कामडारा निवासी ठेकेदार यमुना प्रसाद ने पहुंचाया था. बाद में इस मामले की जांच रांची पुलिस से एनआइए ने ले ली. इस मामले में दिनेश की पत्नी समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया. बताया गया है कि पीएलएफआइ चीफ दिनेश गोप की दोनों पत्नी की गिरफ्तारी के बाद एनआइए को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर छापेमारी चल रही है.