Jharkhand News: पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप अगर गिरफ्तार नहीं होता, तो वह नेपाल से कनाडा भाग जाता. उसकी योजना हमेशा के लिए कनाडा में रहने की थी. वह नेपाल से कनाडा जाकर बसने के लिए पासपोर्ट तैयार करने की फिराक में था. लेकिन इससे पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इस बात का खुलासा उसने पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष किया है. सुरक्षा एजेंसी को दिनेश गोप ने यह भी बताया है कि नेपाल में रहने के दौरान वहां के लोगों से उसके अच्छे संपर्क हो गये थे. इसलिए उन लोगों के सहयोग से ही उसने पासपोर्ट के लिए पेपर तैयार कराया था. जब सुरक्षा एजेंसियों ने दिनेश गोप से आगे पूछा कि कनाडा जाने के बाद उसकी क्या योजना थी. तब उसने कहा कि कनाडा में ही रहकर वहां कोई रोजगार करता. इसके बाद वहीं से संगठन चलाने का काम करता. पुलिस या दूसरी कोई एजेंसी उस तक नहीं पहुंच सके, इस उद्देश्य से वह कनाडा में बसना चाहता था. कनाडा में बसने की योजना के उद्देश्य से उसने अपना हुलिया बदला था और दाढ़ी और बाल बढ़ा लिये थे.
दिनेश गोप ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसे संगठन के लिए बिहार से हथियार उपलब्ध कराया जाता था. इस काम में उसके संगठन में शामिल रहे नालंदा निवासी अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा मदद करता था़ चूहा को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. उसके साथ हथियार सप्लाई करने वालों में नांलदा का ही एक और युवक शामिल था. लेकिन अवधेश की गिरफ्तारी के बाद संगठन में हथियार और गोली की कमी हो गयी थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को मंगलवार को एनआइए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा के कोर्ट में पेश किया. इसके बाद अदालत ने दिनेश गोप को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार (जेल) भेज दिया. इससे पूर्व एनआइए ने दिनेश गोप का मेडिकल कराया और कोर्ट में पेश किया. दिनेश गोप को कोर्ट में पेश करने से पहले सिविल कोर्ट तथा एनआइए कोर्ट के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी थी. कोतवाली डीएसपी व इंस्पेक्टर अपने जवानों के साथ सुरक्षा में तैनात थे.
गौरतलब है कि पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआइए ने 21 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर विमान से रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया था. दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओड़िसा में हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआइ के लिए धन जुटाने से संबंधित 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. झारखंड पुलिस ने दिनेश गोप पर 25 लाख और एनआइए की ओर से पांच लाख कुल 30 लाख इनाम घोषित था. एनआइए ने 22 मई को दिनेश गोप को कोर्ट में पेश किया था और 14 दिनों की रिमांड की मांग की थी. अदालत ने दिनेश गोप को 8 दिनों के रिमांड पर एनआइए को सौंपा था. पूछताछ के दौरान एनआइए ने दिनेश गोप की निशानदेही पर कई हथियार और गोलियां बरामद की हैं.