झारखंड में आनेवाले एक वर्षों के लिए नयी सरकार के गठन का प्लॉट तैयार हो रहा है. इडी की कार्रवाई में घिरी हेमंत सरकार अब नेतृत्व बदलकर सरकार चलाने की रणनीति पर काम कर रही है. इडी की ओर से दिये गये आखिरी मौके (सातवां समन) के बाद बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच गांडेय से झामुमो विधायक डॉ सरफराज अहमद ने अपनी सीट छोड़ दी है. डॉ अहमद ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को भेज दिया है. स्पीकर श्री महतो ने सोमवार की दोपहर ही विधायक डॉ अहमद का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया.
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर इडी की कार्रवाई के बाद मुसीबत बढ़ी, तो मुख्यमंत्री श्री सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन नेतृत्व संभालेंगी. वह गांडेय से चुनाव लड़ेंगीं. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने बदलती परिस्थिति में विधानसभा को विशेष सत्र आहूत करने के लिए तैयार रहने को कहा है.
गौरतलब है कि इडी ने 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सातवां समन भेजकर एक सप्ताह के अंदर बयान दर्ज करने की बात कही थी. इसके लिए दो दिन में वह जगह बताने को कहा था, जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके. हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से इडी को कोई जवाब नहीं दिया गया और न ही जगह बतायी गयी. वहीं, इडी के ओर से दिये गये समन की मियाद पांच जनवरी को खत्म हो रही है. इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वैकल्पिक रास्ता तैयार कर रहे हैं.
विधायकों से पहले ही कराया गया है हस्ताक्षर
झामुमो पूरी रणनीति के साथ काम कर रहा है. इडी के बढ़ते दबाव के मद्देनजर गठबंधन दलों के विधायकों के हस्ताक्षर पहले ही ले लिये गये हैं, ताकि परिस्थितियों को भांपते हुए राज्यपाल के पास तुरंत दावा पेश किया जा सके. किसी तरह की चूक न हो और पूरी तैयारी के साथ नयी सरकार का दावा पेश किया जा सके, इसकी पूरी तैयारी है.
पांच से पहले हो सकती है गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इडी की कार्रवाई को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन दलों के साथ बातचीत कर सकते हैं. वे गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक बुला सकते हैं. इस बैठक में वह कल्पना सोरेन के नाम पर सहमति बना सकते हैं.
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