रांची : राज्य में मानव तस्करी रोकने में पारा लीगल वोलेंटियर (पीएलवी) की अहम भूमिका है. राज्य में मानव तस्करी रोकने के लिए रेलवे स्टेशन पर पीएलवी तैनात किये जायेंगे, ताकि अगर कोई नाबालिग अपने अभिभावक के अलावा किसी दूसरे के साथ नजर आये, तो उन्हें तत्काल रोका जा सके. पीएलवी स्थानीय होने के नाते मानव तस्करों को पहचानते हैं. राज्य में गरीबी होने के कारण लोग अपने बच्चों को कमाने के लिए दिल्ली सहित अन्य जगहों पर भेजते है़ं इसलिए सुदूर गांव के सभी ग्रामीणों को जनवितरण प्रणाली से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें डीएलएसए और पीएलवी मदद कर रहे है़ं यह बातें झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद ने प्रेस वार्ता में कही. वे डोरंडा स्थित न्याय सदन (झालसा) में आयोजित जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिवों के दो दिवसीय राज्यस्तरीय समागम के समापन के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कई बार नाबालिग के साथ यौन शोषण की घटना होने के बाद भी अभिभावक सामाजिक दबाव के कारण उसकी रिपोर्ट नहीं करते. पीएलवी इस पर भी नजर रखें और इस तरह के मामलों को सामने लायें, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. साथ ही उन्हें कानूनी व आर्थिक सहायता भी दिलाने का प्रयास करें. वात्सल्य योजना के तहत यौन शोषण की शिकार महिला को कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है. जस्टिस एसएन प्रसाद ने कहा कि लोक अदालत में मामलों के निष्पादन में वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नौ मार्च को राज्य में राष्ट्रीय लोग अदालत का आयोजन किया जाना है. वकीलों की मदद और झालसा, डालसा के प्रयास से इस बार ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटारा करने की योजना है. कार्यक्रम में न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, न्यायाधीश अरुण कुमार राय सहित कई अधिकारी व डीएलएसए सचिव तथा पीएलवी उपस्थित थे.