झारखंड के गरीबों को उनके आवासों में एक अतिरिक्त कमरा देने की योजना धरी रह गयी. ग्रामीणों को उनके प्रधानमंत्री आवास में एक अतिरिक्त कमरा देने के लिए 50 हजार देने का प्रावधान था, पर उसे चालू नहीं किया जा सका. ऐसे में इस योजना के लिए किये गये बजटीय प्रावधान का उपयोग ही नहीं हो सका है. अधिकारियों का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में यह योजना लागू नहीं हो सकेगी. यानी लाभुकों को 50 हजार अपने आवास में एक और कमरा बनाने के लिए नहीं मिल सकेंगे.
राज्य को भारत सरकार से 356875 आवास मिलनी है. जियो टैगिंग नहीं होने के कारण 153814 आवास नहीं मिल पाये थे. आवास प्लस में छूटे 203061 को भी आवास नहीं मिला है. सिस्टम से रिजेक्ट होने के कारण इन्हें आवास नहीं मिल पाया था. भारत सरकार ने इन्हें आवास देने के लिए नामों के साथ सारा डिटेल इंट्री करने की अनुमति दी है. अब इन्हें आवास मिलेगा, तभी राज्य सरकार की अतिरिक्त कमरे की योजना लागू हो सकेगी.
ग्रामीण विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार से मिलनेवाली पीएम आवास योजना ग्रामीण में अपने स्तर से सहयोग का निर्णय लिया था. इसके तहत हर लाभुक को केंद्र से स्वीकृत आवासों में एक अतिरिक्त कमरा बनाने के लिए आर्थिक सहयोग करना था. राज्य ने इसके लिए 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन केंद्र से अब तक एक भी आवास योजना नहीं मिली है और वित्तीय वर्ष समाप्ति तक आवास नहीं मिलने की उम्मीद है. ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष गुजर जायेगा और गरीब लाभ से वंचित रह जायेंगे.