पीएम मोदी द्वारा 554 स्टेशनों के ऑनलाइन शिलान्यास पर जनप्रतिनिधियों का हर्ष, बोले- रेलवे क्षेत्र में तेज होगा विकास
सांसद संजय सेठ ने कहा कि पूरे देश के लिए आज का दिन अहम है. दुनिया के नक्शे पर दौड़ता हुआ भारत है, जो ना थकता है और ना ही डरता है. प्रधानमंत्री ने 10 साल में देश एवं रेलवे की तकदीर एवं तस्वीर बदलीं है.
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश भर के 554 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन में बदलने की ऑनलाइन आधारशिला रखी. इसके तहत राज्य के कई स्टेशनों का पुनर्विकास किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने रांची रेल मंडल की 26 परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया, जिस पर लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस मौके पर प्रतिनिधियों ने कहा कि रेलवे क्षेत्र में प्रगति से विकास की रफ्तार बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री ने रेलवे की तकदीर एवं तस्वीर बदलीं : इस मौके पर सांसद संजय सेठ ने कहा कि पूरे देश के लिए आज का दिन अहम है. दुनिया के नक्शे पर दौड़ता हुआ भारत है, जो ना थकता है और ना ही डरता है. प्रधानमंत्री ने 10 साल में देश एवं रेलवे की तकदीर एवं तस्वीर बदलीं है. पहले रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधा नग्न थी. ट्रेनों की संख्या कम थी लेकिन अब सिर्फ रांची से 80 से अधिक ट्रेनें चल रही है. दो वंदे भारत ट्रेन चल रही है, जल्द ही तीसरी रांची से काशी के लिए चलने वाली है. पिस्का रेलवे स्टेशन दिल्ली के आनंद विहार की तरह विकसित हो रहा है. नामकुम, टाटीसिलवे, बालसरिंग, गंगाघाट, सिल्ली, मुरी स्टेशन का कायाकल्प होगा. अंडरपास एवं आरओबी बनने से समय एवं ईंधन की बचत के साथ रेल दुर्घटना में कमी आयेगी.
विकसित भारत के लिए विकसित रेलवे जरूरी : वहीं परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि विकसित भारत में विकसित रेलवे का होना जरूरी है, जिसमें सुगमता एवं सुरक्षा हो. प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच प्रशंसनीय है. रेलवे के क्षेत्र में सांसद संजय सेठ द्वारा की गयी पहल सराहनीय है. श्री बिरुआ ने कहा कि राज्य का दक्षिणी-पूर्व कोल्हान सबसे ज्यादा राजस्व देते हुए भी सुविधा विहीन है. इसपर रेलवे विशेष ध्यान दे. मुख्यमंत्री ने गाड़ी ग्राम योजना के तहत गांव एवं ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने का काम किया है.
मेट्रो शहरों की तरह झारखंड में भी चले लोकल ट्रेन :
सांसद महुआ माजी ने कहा कि गांव एवं शहर रेलवे लाइन से नहीं जुड़े हैं, जिससे युवाओं को काफी परेशानी होती है. दलाल यहां की लड़कियों को बहला-फुसला कर बाहर ले जाते हैं. मुख्यमंत्री ने गाड़ी ग्राम योजना के तहत लाभ देने का काम किया है. झारखंड में भी मेट्रो शहरों की तरह लोकल ट्रेन चलानी चाहिए. प्लेन का टिकट 4000 से 40 हजार रुपये तक बिक रहा है, जो सभी के लिए संभव नहीं है.