प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग तेज हो गई है. आदिवासी सेंगेल अभियान के चार कार्यकर्ताओं ने धमकी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड यात्रा के दौरान आदिवासियों के लिए सरना कोड को मान्यता देने की घोषणा नहीं करते हैं, तो वे भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में जाकर आत्मदाह कर लेंगे. इन सभी चार लोगों को संबंधित थानों की पुलिस ने पीएम मोदी के झारखंड आने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. इनके नाम चंद्र मोहन मार्डी, पृथ्वी मुर्मू, विक्रम हेंब्रम और कान्हूराम टुडू हैं. इस बीच, आदिवासी सेंगेल के प्रमुख पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि बिरसा जयंती (15 नवंबर) को विभिन्न जिला मुख्यालयों पर सुबह 10 बजे से एक बजे तक सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र बनाने की अपनी मांग के समर्थन में अनशन का उनका कार्यक्रम जारी रहेगा. सालखन और सुमित्रा मुर्मू जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर अनशन और धरना-प्रदर्शन करेंगे. इधर, आदिवासी सेंगेल महिला मोर्चा की कोल्हान अध्यक्ष प्रेमशिला मुर्मू ने भी आत्मदाह की धमकी दे डाली है. उन्होंने कहा है कि वह जशेदपुर में बिरसा मुंडा की प्रतिमा के सामने आत्मदाह कर लेंगी.
अब आदिवासी सेंगेल की कोल्हान अध्यक्ष ने दी आत्मदाह की धमकी
आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने मंगलवार (14 नवंबर) को बताया कि आज पता चला है कि कल रात (13 नवंबर 2023) को चंद्रमोहन मार्डी (पेटरवार प्रखंड, बोकारो जिला) को पेटरवार थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पृथ्वी मुर्मू और विक्रम हेम्ब्रम को पूर्वी सिंहभूम की बागबेड़ा थाना पुलिस ने और कान्हूराम टुडू (सोनुवा प्रखंड, पश्चिम सिंहभूम) को गम्हरिया थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे पश्चिम सिंहभूम जिला के सोनुवा प्रखंड की प्रेमशिला मुर्मू, जो सेंगेल महिला मोर्चा की कोल्हान की अध्यक्ष भी हैं, ने आत्मदाह करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि प्रेमशिला मुर्मू 15 नवंबर को दिन में एक बजे जमशेदपुर के साकची गोल चक्कर के पास बिरसा मुंडा की मूर्ति के सामने आत्मदाह करने की घोषणा की है. प्रेमशिला ने कहा है कि अगर 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू से प्रधानमंत्री सरना धर्म कोड को मान्यता देने की घोषणा नहीं करते हैं, तो वह जमशेदपुर में आत्मदाह कर लेंगी.
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सेंगेल कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, उनके बलिदानी भावना को कुचलने जैसा : सालखन
सालखन मुर्मू का कहना है कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासी समाज को उनकी धार्मिक आजादी नहीं देना संविधान-कानून का गला घोंटने जैसा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आदिवासियों सो अपना धर्म कोड नहीं मिला, तो इसे जबरन सबको हिंदू, मुसलमान, ईसाई आदि बनाने के लिए मजबूर करना माना जाएगा. पूर्व सांसद ने सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं की ओर से आत्मदाह की चेतावनी का बचाव करते हुए इसे बलिदानी साहस करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार करके उनकी बलिदानी भावना को कुचला जा रहा है. आदिवासी सेंगेल इसकी निंदा करता है. भर्त्सना करता है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सेंगेल इसके लिए बड़े आंदोलन की घोषणा करेगा.
आदिवासी सेंगेल का आंदोलन जारी रहेगा
हालांकि, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने यह उम्मीद भी जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रकृति पूजक आदिवासियों की भावनाओं का सम्मान करेंगे और भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस उम्मीद के बावजूद उनकी ओर से बिरसा जयंती पर घोषित अनशन कार्यक्रम होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी सेंगेल की दो मांगें हैं- सरना धर्म कोड को मान्यता देना और आदिवासी राष्ट्र बनाने की घोषणा. इसके लिए आदिवासी सेंगेल अभियान लगातार आंदोलन करता रहेगा.