PM मोदी ने की NPTC के पतरातू व नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा, बोले- केंद्र से मिलेगा सहयोग
पीएम मोदी ने झारखंड के दो थर्मल पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दोनों पावर प्लांट के उत्पादन से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी. वहीं, पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को हर संभव सहयोग की बात कही.
Jharkhand News: PM मोदी ने बुधवार को NPTC के पतरातू और नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की. इस दौरान पीएम मोदी को झारखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि वर्ष 2024 से पतरातू के निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन होने लगेगा. वहीं, अक्तूबर 2022 से नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगी. साथ ही दोनों पावर प्लांट के निर्माण में आ रही परेशानियों को दूर करने का निर्देश केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है. इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा सचिव एवं एनटीपीसी के अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग में जुड़े थे. एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी दोनों परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष जताया.
कोरोना के कारण गति धीमी हुई थी
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोरोना की बंदिशों के कारण निर्माण कार्य की गति थोड़ी धीमी अवश्य पड़ गयी. लेकिन, अब इसमें अपेक्षित सुधार हुआ है. इसके कारण परियोजनाओं से इस वर्ष अक्टूबर माह से उत्पादन शुरू होने की संभावना है. दोनों परियोजनाओं की निगरानी राज्य सरकार के स्तर से भी हो रही है. इस बाबत आवश्यक क्लीयरेंस आदि की कार्रवाई भी पूरी कर ली गयी है. स्थानीय स्तर पर पैदा हुई समस्याओं को भी प्राथमिकता के स्तर पर निपटारा किया जा रहा है.
वन भूमि और ट्रांसमिशन लाइन से जुड़े मुद्दे पर हुई बात
बताया गया कि पतरातू थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित बनहरदी कोल ब्लॉक में वन भूमि का मामला आ रहा है. इस पर केंद्र सरकार की ओर से निर्देश दिया गया कि 268 एकड़ वन भूमि को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव राज्य सरकार केंद्र को भेजे. इस पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि वन भूमि को डिनोटिफाइ करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने 24 मई को ही केंद्र सरकार को भेज दिया है. इसके अलावा पतरातू और नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट से उत्पादित बिजली के संचरण के लिए ट्रांसमिशन लाइन पर भी बात की गयी.
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3300 मेगावाट के लिए ट्रांसमिशन लाइन उपलब्ध होगा
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अक्तूबर 2023 तक 3300 मेगावाट के लिए ट्रांसमिशन लाइन उपलब्ध करा देंगे. बाकी के लिए आगे कार्रवाई होगी. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि जो भी सहयोग राज्य सरकार को चाहिए केंद्र की ओर से मिलेगा. साथ ही राज्य सरकार से कहा कि पावर प्लांट को प्राथमिकता के अाधार पर शुरू कराने का प्रयास राज्य सरकार करे.
4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित होगा
मालूम हो कि राज्य सरकार, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और एनटीपीसी द्वारा संयुक्त उद्यम के तौर पर पतरातू विद्युत निगम लिमिटेड (PUVNL) बनाया गया है. इससे उत्पादित 85 फीसदी बिजली झारखंड को मिलेगी. यहां दो चरणों में 4000 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट स्थापित करना है. वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी. वहीं, नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 1980 मेगावाट की है. वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने इसकी आधारशिला रखी थी. वर्ष 2013 में इसका कार्य शुरू हुआ. प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. केवल टंडवा से टोरी तक ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होना बाकी है जो अक्तूबर तक पूरा हो जायेगा. इसके बाद नॉर्थ कर्णपुरा से उत्पादन होने लगेगा.
Posted By: Samir Ranjan.