jharkhand pm rozgar yojana loan status in hindi, bank wise npa list 2021 in jharkhand रांची : प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमइजीपी) में बैंकों का सबसे अधिक कर्ज डूब रहा है. जिस तेजी से इस योजना में बैंकों का एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बढ़ रहा है, उससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है. बैंकों की ऋण वसूली शाखा के अनुसार, सरकार प्रायोजित इस स्कीम में दिये गये कर्ज की वसूली का प्रतिशत काफी कम है. स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार ने जिन उद्देश्यों को ध्यान में रख कर पीएमइजीपी योजना शुरू की थी, लोन लेनेवाले लोगों की गलत मंशा के कारण योजना पर पानी फिरता दिख रहा है. एनपीए की दर को देखते हुए बैंक अब इस योजना में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
योजना के तहत ऋण देने में कुछ बैंकों को छोड़ कर बाकी के खराब कर्ज (एनपीए) की मात्रा काफी ज्यादा है. पीएनबी में दिये गये लोन का 79.80% एनपीए हो गया है. वहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 72.2%, यूको बैंक में 49.90%, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 43.17%, आइडीबीआइ बैंक में 37.62%, बैंक ऑफ इंडिया में 34.91%, बैंक ऑफ बड़ौदा में 33.13% और एसबीआइ का 27.94% एनपीए है. झारखंड में जम्मू एंड कश्मीर बैंक की एक शाखा है. इस कारण यहां का एनपीए 100% है.
रांची में 56.66 फीसदी, गुमला में 52.65% , सिमडेगा में 54.99% , गढ़वा में 51.85% , पलामू में 52.14% , सिमडेगा में 54.99% , लातेहार में 47.43% , हजारीबाग में 44.92% , दुमका में 43.13% , लोहरदगा में 42.21% , चतरा में 41.13% , धनबाद में 40.87% और रामगढ़ में 36.39 % डूबनेवाले कर्ज का प्रतिशत है.
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 2018 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के कार्यक्रम (पीएमइजीपी) को लांच किया गया था. इसके तहत मध्यम उद्यमियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. इस योजना के तहत 18 साल से ज्यादा उम्र के युवाओं को सेवा व निर्माण क्षेत्र में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है.
झारखंड में कार्यरत बैंकों के अंदर पीएमइजीपी के कुल 24,462 खाते खोले गये. इसमें से 11219 खाते एनपीए हो गए. प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से इसमें 39,235.64 लाख ऋण की राशि में से 15,799.38 लाख रुपये बट्टे खाते में डाल दिये गये हैं.
लोगों ने पैसा लेकर भी खुद की बेरोजगारी दूर
नहीं की, सबसे ज्यादा एनपीए पीएनबी में
एनपीए की दर को देखते हुए बैंक अब पीएमइजीपी योजना में दिलचस्पी नहीं ले रहा है
राज्य में पीएमइजीपी के कुल 24,462 खाते खोले गये, इसमें से 11219 खाते एनपीए
बैंकों की राशि का इतने बड़े पैमाने पर एनपीए हो जाना चिंता का कारण है. यह आम जनता का पैसा है, अगर यह नहीं डूबता तो लोगों को और सस्ती ब्याज दर पर कर्ज मिल पाता. इसे दंडनीय अपराध मानते हुए सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है, जबकि अभी भी सिविल ऑफेंस की श्रेणी के तहत ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाती है.
-एमएल सिंह, महामंत्री, बैंक इंप्लाई फेडरेशन
बैंकों की राशि का इतने बड़े पैमाने पर एनपीए हो जाना चिंता का कारण है. यह आम जनता का पैसा है, अगर यह नहीं डूबता तो लोगों को और सस्ती ब्याज दर पर कर्ज मिल पाता. इसे दंडनीय अपराध मानते हुए सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है, जबकि अभी भी सिविल ऑफेंस की श्रेणी के तहत ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाती है.
-एमएल सिंह, महामंत्री, बैंक इंप्लाई फेडरेशन
Posted By : Sameer Oraon