झारखंड में बच्चों को लगेगा निमोनिया का टीका, केंद्र सरकार करेगी राज्य में स्वदेशी टीका लॉन्च, जानें कब से शुरू होगा यह अभियान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को इसकी तैयारी का निर्देश दिया है. सरकारी अस्पतालों में इस सुविधा के लिए डीपीएम और कोविड ड्यूटी से बाहर रहनेवाली एएनएम को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जून के पहले सप्ताह से राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है. निमोनिया को मात देने के लिए देश में पहली बार सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए इस तरह की स्वदेशी वैक्सीन लांच की गयी है.
Pneumonia Vaccine Campaign In Jharkhand रांची : कोरोना संकट के बीच झारखंड के बच्चों की जीवनरक्षा से जुड़ी एक अच्छी खबर आयी है. केंद्र सरकार जून के पहले हफ्ते में झारखंड में निमोनिया का स्वदेशी टीका लांच करने की तैयारी में है. झारखंड के आठ लाख से ज्यादा बच्चों को टीका लगेगा. यह वैक्सीन छोटे बच्चों को होनेवाली बैक्टीरियल निमोनिया से रक्षा करेगी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को इसकी तैयारी का निर्देश दिया है. सरकारी अस्पतालों में इस सुविधा के लिए डीपीएम और कोविड ड्यूटी से बाहर रहनेवाली एएनएम को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जून के पहले सप्ताह से राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है. निमोनिया को मात देने के लिए देश में पहली बार सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए इस तरह की स्वदेशी वैक्सीन लांच की गयी है.
गौरतलब है कि इस वायरस के चलते हर साल झारखंड में पांच साल से कम उम्र के हजारों बच्चों की मौत हो जाती है. हजारों बच्चों की बचेगी जानस्वदेशी न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन, न्यूमोसिल के तहत सस्ती कीमत पर बाजार में उपलब्ध करायी गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसी संस्थाओं के साथ मिल कर इसे तैयार किया है. एनएचएम के मुताबिक, राज्य में पांच साल से नीचे के 15 फीसदी बच्चों की मौत सांस फूलने, निमोनिया की वजह से होती है. अभी तक सरकारी लिस्ट से यह टीका बाहर रहने और इसके महंगा होने के चलते आम लोग इसका खर्च नहीं उठा पाते थे.
इस तरह से लगेगा टीका
जन्म के डेढ़ महीना (छह सप्ताह) पर पीसीवी-1, साढ़े तीन महीने (14 सप्ताह) पर पीसीवी-2 और नौ महीना यानी कि 36 सप्ताह पर उस बच्चे को निमोनिया का बूस्टर डोज दिया जायेगा.
राज्य में बच्चों की मृत्यु दर प्रति हजार बच्चों पर (प्रति वर्ष)
नवजात (जन्म के 28 दिन के भीतर) 21
शिशु (जन्म के एक साल के भीतर) 30
जन्म के पांच साल के भीतर के बच्चे 34
प्रतिवर्ष विश्व में पांच साल से नीचे के 15% बच्चों की मौत निमोनिया से हो जाती है. (इसके वैश्विक आंकड़े ही मौजूद)
कोविड -19 एक वायरल संक्रमण है और निमोनिया बैक्ट्रियल. दोनों में कोई संबंध नहीं है. इस टीका से बच्चों की इम्यूनिटी बेहतर होगी. इस स्थिति में कोविड होने के बाद बैक्ट्रियल संक्रमण से होनेवाली मौतों को काफी हद तक टाला जा सकेगा.
डॉ. अभिषेक रंजन, एसो प्रोफेसर रिम्स
रोटावायरस के बाद सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में यह 11वां टीका होगा. बैक्टीरियल इंफेक्शन टालनेवाले इस टीका के प्रयोग से हजारों नौनिहालों की मौत टाली जा सकेगी. वहीं, इंफैन्ट मोर्टिलिटी रेट में भी कमी आयेगी.
डॉ विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची
Posted By : Sameer Oraon