चैत्र नववर्ष पर काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
संस्कृति संवर्द्धन समिति की काव्य गोष्ठी की शुरुआत कवयित्री सत्या शर्मा ''कीर्ति'' ने जिसके आगमन पर प्रकृति होती है तैयार, कोयल गाती है मधुर राग, धरती करती है नव शृंगार…से की.
रांची. द रांची प्रेस क्लब की शाम शुक्रवार को कविता पाठ से सज गयी. संस्कृति संवर्द्धन समिति की काव्य गोष्ठी की शुरुआत कवयित्री सत्या शर्मा ””””कीर्ति”””” ने जिसके आगमन पर प्रकृति होती है तैयार, कोयल गाती है मधुर राग, धरती करती है नव शृंगार…से की. कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्जन डॉ एमपी सिंह ने की. उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति का काफी व्यापक स्वरूप है. इसके हर स्वरूप को अलग-अलग समयांतराल पर कवियों ने अभी रचना से संवारा है. डॉ सिंह ने लोगों को चैत्र नववर्ष की शुभकामना दी. समाजसेवी पूनम आनंद ने बताया कि समिति की ओर से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष पर नौ अप्रैल को सुबह चार बजे बड़ा तालाब पर संस्कृति संवर्द्धन समिति द्वारा आयोजित दीपदान कार्यक्रम होगा. काव्य गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुए डॉ राजश्री जयंती ने गणेश वंदना और संगीता सहाय ने हे मां करो नमन स्वीकार… सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी. कवयित्री रूपा कुमारी ने अंग्रेजी नववर्ष पर कविता पेश की. गोष्ठी के दौरान डॉ सुरिंदर कौर नीलम, चंद्रिका ठाकुर देशदीप, नीरज नीर, डॉ राजश्री जयंती, शशांक भारद्वाज, नरेश बंका, राजीव थेपड़ा, संगीता कुजारा टॉक, नंदा पांडेय, अजय कुमार, सदानंद सिंह यादव, मनोज कुमार झा, बिंदु प्रसाद रिद्धिमा, सुषमा झा, सीमा चंद्रिका तिवारी ने कविता पाठ कर तालियां बटोरी. कार्यक्रम का संचालन संगीता कुजारा टॉक और राजीव थेपड़ा ने किया. इस अवसर पर पंकज वत्सल, कमलेश मिड्ढा, अनुनय मंत्री, राकेश लाल, पवन मंत्री आदि मौजूद थे.