पुलिस अलंकरण समारोह : 85 पुलिस पदाधिकारी व जवानों को सम्मान, मुख्यमंत्री ने कहा – साफ नीयत व सही सोच से मंजिल मिलेगी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा साफ नीयत व सही सोच से मंजिल मिलेगी
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2020 चुनौतियों भरा साबित हो रहा है, लेकिन हमने इसे अवसर के तौर पर लिया है. कोरोना से पूरा विश्व जूझ रहा है. झारखंड भी इससे अलग नहीं है. सभी के सहयोग से चुनौतियों को कंधे पर उठा कर निडरता के साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं. बहुत हद तक हमें सफलता मिली है. विश्वास है कि कामयाबी हमारे कदम चूमेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त एक जैसा नहीं होता है. समय-समय पर चुनौतियां आती रहती हैं. हमें इसका सामना संयम, धैर्य और ईमानदारी के साथ करना चाहिए. साफ नीयत व सही सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो मंजिल निश्चित ही मिलेगी. मुख्यमंत्री ने ये बातें रविवार को जैप-1 ग्राउंड, डोरंडा में आयोजित पुलिस अलंकरण समारोह में कही.
उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद यहां कई व्यवस्थाएं नये सिरे से बननी शुरू हुई है. शांति, अमन चैन, विधि व्यवस्था और राज्यवासियों की सुरक्षा में पुलिस बलों का अहम योगदान रहा है. पुलिस पदाधिकारी व जवान कर्तव्यों का निरंतर निर्वहन कर रहे है. इस दिशा में पहचान बनाते हुए उन्होंने जो सम्मान पाया है, उसके लिए ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हर मोर्चे पर पुलिस का अहम योगदान रहा है.
राज्य के सभी थानों में सामुदायिक किचन के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराया गया. वहीं, कोरोना योद्धा के रूप में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. इस दौरान कई पुलिस संक्रमित भी हुए और कई की जान भी चली गयी. इतना ही नहीं संक्रमण से निकलने के बाद पुलिसकर्मी फिर से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गये.
आइजी सहित 85 अफसर व जवान हुए सम्मानित :
मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस के पदाधिकारियों व कर्मियों को उनके कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये सम्मानित किया गया. विशिष्ट सेवा के लिए आइजी अभियान साकेत कुमार सिंह सहित तीन को राज्यपाल पदक से नवाजा गया. चक्रधरपुर के एसडीपीओ श्री नाथू सिंह मीणा सहित 47 पदाधिकारी व पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री वीरता पदक दिया गया.
वहीं, सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक से रांची रेंज डीआइजी अखिलेश कुमार झा, जमशेदपुर एसएसपी एम तमिल वाणन सहित 30 पदाधिकारी और कर्मियों को सम्मानित किया गया. जबकि बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करनेवाले पांच अन्य पदाधिकारी भी सम्मानित किये गये.
इस मौके गृह सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी एमवी राव, जैप डीजी सह एसीबी चीफ नीरज सिन्हा, रक्षा विवि के कुलपति पीआरके नायडू, एडीजी अनिल पालटा, प्रशांत सिंह, आरके मल्लिक, मुरारी लाल मीणा, आइजी सुमन गुप्ता, प्रिया दुबे, सुधीर कुमार झा, डीआइजी कुलदीप द्विवेदी, ए विजयालक्ष्मी, शैलेंद्र सिन्हा, जैप-वन समादेष्टा अनीष गुप्ता, रांची एसएसपी सुरेंद्र झा, जैप-10 समादेष्टा संध्या रानी मेहता, ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग सहित अन्य मौजूद थे.
आइपीएस अतिथि गृह का उद्घाटन :
मुख्यमंत्री ने जैप एक परिसर में नवनिर्मित आइपीएस अतिथि गृह का उद्घाटन किया. इस अतिथि गृह में 24 कमरे हैं. इसमें पुलिस पदाधिकारियों के रहने की बेहतर व्यवस्था की गयी है.
महापुरुषों और वीर शहीदों को नमन
सीएम ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के सृजन के आज 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं. एक लंबे संघर्ष के बाद यह राज्य अस्तित्व में आया. इसके लिए हुए संघर्ष में हजारों लोग शामिल हुए. कई आंदोलनकारी शहीद हुए. झारखंड की धरती ने कई वीर सपूत दिये हैं. जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तब भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो कान्हो, नीलांबर पीतांबर और शेख भिखारी जैसे हजारों वीरों ने देश की आजादी के लिए जान की परवाह किये बगैर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया था. इन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था.
छह शहीदों के परिजनों को िमला सम्मान
नीलमणि देवी (पति शहीद एसआइ सुकरा उरांव), विक्की कुमार (पुत्र शहीद गृहरक्षक जमुना प्रसाद), पद्मिनी देवी (पति शहीद गृहरक्षक सतेंद्र सिंह), मुनी कुमारी (पति शहीद शंभु प्रसाद सिंह), बालमुनि गगराई (पति शहीद आरक्षी लखींद्र मुंडा), सुनीता सोरेन (पति शहीद एएसआइ चंद्राई सोरेन) को 25-25 हजार रुपये व शाल देकर सीएम ने सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सुरक्षा के लिए कई जवान अपनी शहादत देते हैं. शहीदों की शहादत का पूरा सम्मान सरकार करेगी. उन्होंने शहीदों के आश्रितों से कहा कि अगर उन्हें किसी तरह की समस्या हो, तो वे बेहिचक अपनी बातें हमारे पास रखें. उनकी सहायता के लिए हम सदैव तत्पर हैं.
posted by : sameer oraon