रांची : साहिबगंज के महिला थाना की प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले में पुलिस ने उनके पिता रातू के टेंडर बगीचा निवासी देवानंद उरांव को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया है. पुलिस अनुसंधान में धारा 306 के तहत प्राथमिक अभियुक्त मधुपुर निवासी व दारोगा शिव कनौजिया (प्रेमी) के अलावा अप्राथमिक अभियुक्त देवानंद उरांव के खिलाफ मामला सत्य पाया गया है. गृह विभाग द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी गयी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. दूसरी ओर पुलिस शिव कनौजिया के खिलाफ चार्जशीट कर चुकी है, पर देवानंद उरांव के खिलाफ अभी चार्जशीट नहीं की है.
पुलिस का कहना है कि कुछ बिंदुओं पर जांच बाकी है. वह पूरा होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने शिव कनौजिया, रूपा तिर्की के बीच बातचीत के अलावा शिव कनौजिया व देवानंद उरांव सहित अन्य लोगों के बीच फोन पर हुई बातचीत और पूछताछ सहित अन्य साक्ष्य को आधार बनाया है.
पुलिस का यह मानना है कि शिव कनौजिया व देवानंद उरांव के बीच बातचीत से साफ है कि रूपा व शिव मामले की जानकारी उन्हें थी. देवानंद द्वारा फोन पर शिव कनौजिया को यह कहना कि अगर रूपा मर भी जायेगी, तो वे मान लेंगे कि उनकी एक बेटी नहीं थी. पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते देवानंद उरांव इसकी जानकारी पुलिस को देते,
तो समय पर कार्रवाई कर रूपा को बचाया जा सकता था. रूपा की मौत का कारण फांसी लगाने के कारण दम घुटने से होने की बात कही गयी है, लेकिन उसने आत्महत्या शिव कुमार कनौजिया की प्रताड़ना से तंग आकर की थी. अभी मामले की जांच साहिबगंज पुलिस कर रही है. इस मामले में राज्य सरकार न्यायिक जांच का आदेश सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीके गुप्ता को दे चुकी है.
महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की कथित आत्महत्या मामले की सीबीआइ जांच को लेकर दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर 17 जून को सुनवाई होगी. मृतका के पिता देवानंद उरांव ने याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है.