रांची (प्रमुख संवाददाता). लगातार दूसरी बार स्पीकर निर्वाचित होने के बाद रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि लोक कल्याण के लिए ऐसी नीतियां, कानून, अधिनियम बनायें, जिनसे समाज के शोषित, पीड़ित और वंचित वर्गों का उत्थान हो सके. मेरी कोशिश होगी कि मैं सभी सदस्यों को पर्याप्त समय व अवसर प्रदान करूं. यह सदन सभी पक्षों के विचारों वाली सदन हो. श्री महतो स्पीकर चुने जाने के बाद सदन को संबोधित कर रहे थे.
श्री महतो ने कहा कि सहमति और असहमति हमारे लोकतंत्र की ताकत है. हम अलग-अलग विचारधाराओं से चुनकर आते हैं. हालांकि अलग-अलग विचारधाराओं के बाद भी राज्य का हित सर्वोपरि है. सदन पक्ष और विपक्ष दोंनों से मिलकर चलता है. विपक्ष सरकार का आईना होता है. लोकतंत्र की यही ताकत है कि सबकी बात सुनी जाये. सहमति से सदन चले और मेरी अपेक्षा है कि मैं सबकी सहमति से सदन चलाऊं. मैं प्रयास करूंगा कि उन्हीं भावनाओं से आप सबका विचार सदन में आये और मैं निष्पक्ष रूप से सदन का संचालन कर सकूं. परंतु आप सभी से मेरी यह अपेक्षा रहेगी कि सदन निर्बाध रूप से चले.जनाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
श्री महतो ने कहा कि छठी विधानसभा के लिए चुनाव लोकतंत्र का महाउत्सव था. इसमें राज्य की भौगोलिक विविधताएं, प्रतिकूल मौसम और कई अन्य चुनौतियों के बावजूद 1.76 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनी है. गत वर्षों में राज्य की जनता की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी है. इसे बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है. छठी विधानसभा एक नये विजन व संकल्प की सभा होनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है