झारखंड में राजनीतिक हलचल : कांग्रेस ने सभी विधायकों को बुलाया रांची, पढ़ें पूरी खबर
झारखंड में गुरुवार को राजनीतिक गतिविधि तेज होने के बाद बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने पार्टी के सभी विधायकों को रांची आने का निर्देश दिया. निलंबित तीन विधायकों को छोड़ सभी 15 विधायकों को रांची आने को कहा गया है.
Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर गुरुवार को निर्वाचन आयोग का पत्र राजभवन आने के बाद सत्तारूढ़ दलों की राजनीतिक गतिविधि तेज हो गयी. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने पार्टी के सभी विधायकों को रांची आने का निर्देश दिया. उन्होंने दोपहर में अपने आवास पर मंत्री-विधायकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनायी. बैठक में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, अध्यक्ष राजेश ठाकुर, बादल पत्रलेख, अनूप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की समेत पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे.
15 विधायकों को रांची आने का निर्देश
श्री आलम ने कहा कि निलंबित तीन विधायकों को छोड़ कर सभी 15 विधायकों को रांची आने का निर्देश दिया गया है. कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं. राज्यपाल का फैसला आने के बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा. फिलहाल सरकार पर कोई संकट नहीं है, वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी. वहीं, वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अभी आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे जनता द्वारा चुनी गयी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करे. निलंबित विधायकों द्वारा पार्टी के अंदर साजिश रचे जाने के आरोप पर विधायक अनूप सिंह ने कहा कि उनका नाम किसी भी विधायक नहीं लिया है. उन्होंने एफआइआर कराने वाले लोगों को माफिया बताया है. अगर इनकी आरोपों को मान लें तो पार्टी के सभी शीर्ष नेता माफिया हैं. क्योंकि उनके ही आदेश पर एफआइआर दर्ज कराया गया है.
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सोनिया गांधी के निर्देश पर तीनों विधायकों को कारण बताओ नोटिस हुआ है जारी
यह पूछे जाने कि निलंबित विधायक कह रहे हैं कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है. वे सोनिया गांधी समेत आला नेताओं से मिल कर अपनी बात रखेंगे. इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर उन्हें निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अब तक उनका जवाब नहीं आया है. अनुशासन समिति ने फिर से रिमांडर भेज कर सात दिनों में जवाब मांगा है. बैठक के दौरान मंत्री
Posted By: Samir Ranjan.