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महाधिवक्ता की राय के बाद झारखंड सरकार पूजा सिंघल मामले पर लेगी फैसला, ED कर चुकी है FIR दर्ज करने का आग्रह

इडी ने खूंटी मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान छह मई को पूजा सिंघल व संबंधित लोगों के रांची, मुजफ्फरपुर, कोलकाता, चंडीगढ़, फरीदाबाद और गुड़गांव के कुल 24 ठिकानों पर छापा मारा था.

By Prabhat Khabar News Desk | March 16, 2023 8:59 AM
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सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में अब महाधिवक्ता की राय मांगी है. महाधिवक्ता की राय के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय किया जायेगा. इससे पहले विधि सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर अपनी सहमति दे चुके है.

उल्लेखनीय है कि इडी ने खूंटी मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान छह मई को पूजा सिंघल व संबंधित लोगों के रांची, मुजफ्फरपुर, कोलकाता, चंडीगढ़, फरीदाबाद और गुड़गांव के कुल 24 ठिकानों पर छापा मारा था. पूछताछ के बाद 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया. पहले चरण की जांच पूरी करने के बाद इडी ने पूजा सिंघल सहित सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इसके बाद इडी ने पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत जांच में मिले तथ्यों को राज्य सरकार के साथ साझा किया.

इडी की ओर से राज्य सरकार को मनरेगा घोटाले में दायर आरोप पत्र और मनी लाउंड्रिंग के आरोप में अस्थायी रूप से जब्त की गयी संपत्ति से संबंधित आदेश की प्रति सरकार को भेजी. इसके अलावा जिला खनन पदाधिकारियों द्वारा दर्ज कराये गये बयान की प्रति भी सरकार को भेजी. इडी ने सूचनाओं के साझा करते हुए इस मामले में मदनलाल चौधरी बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के आलोक में कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

मदन लाल चौधरी बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य सरकार को इडी द्वारा साझा की गयी सूचनाओं के आधार पर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान है. इस बात के मद्देनजर इडी की रिपोर्ट मिलने के बाद पूजा सिंघल के खिलाफ पीसी एक्ट की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के मामले में विधि विभाग से राय मांगी गयी.

विधि सचिव ने इडी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद पूजा सिंघल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर अपनी सहमति दी. विधि विभाग की सहमति के बाद सरकार ने अब इस मामले में महाधिवक्ता की राय मांगी है. महाधिवक्ता की राय के बाद सरकार के स्तर पर प्राथमिकी दर्ज करने या नहीं करने के बिंदु पर अंतिम निर्णय किया जायेगा.

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