13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लचर पुलिसिंग : दुष्कर्म के 8000 केस की जांच समय पर पूरा करने में झारखंड पुलिस फेल

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 21 अप्रैल 2018 से नौ दिसंबर 2023 तक झारखंड के विभिन्न जिलों और रेल थानों में दुष्कर्म के कुल 14,162 मामले दर्ज किये गये. इनमें से 13,814 मामलों को दर्ज हुए दो माह पूरे हो गये थे.

अमन तिवारी, रांची : ‘क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट-2018’ लागू होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड पुलिस को पत्र लिख कर दुष्कर्म के मामलों का अनुसंधान दो माह में पूरा करने और फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद झारखंड पुलिस दुष्कर्म के 8000 से अधिक मामलों का अनुसंधान निर्धारित अवधि में पूरा करने में फेल रही. उक्त आदेश के अनुपालन में सिर्फ सिमडेगा, रेल जमशेदपुर और चाईबासा पुलिस का आंकड़ा 50 प्रतिशत के पार रहा. जबकि, अन्य जिलों का प्रदर्शन 50 प्रतिशत से काफी नीचे है. इनमें सबसे कम दुमका (9.55 फीसदी) का है. दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान की स्थिति की निगरानी के लिए भारत सरकार ने इनवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (आइटीएसएसओ) नाम से पोर्टल भी बना रखा है, जिसमें दर्ज आंकड़े झारखंड पुलिस के फेल होने की पुष्टि करते हैं.

Undefined
लचर पुलिसिंग : दुष्कर्म के 8000 केस की जांच समय पर पूरा करने में झारखंड पुलिस फेल 2

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 21 अप्रैल 2018 से नौ दिसंबर 2023 तक झारखंड के विभिन्न जिलों और रेल थानों में दुष्कर्म के कुल 14,162 मामले दर्ज किये गये. इनमें से 13,814 मामलों को दर्ज हुए दो माह पूरे हो गये थे. लेकिन, झारखंड पुलिस सिर्फ 3,803 मामलों का ही अनुसंधान दो माह में पूरा कर न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर पायी. जबकि, 8,001 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पुलिस ने दो माह के बाद न्यायालय में समर्पित की. वहीं, 1,963 केस की फाइनल रिपोर्ट लंबित रह गयी. जब इनमें से 348 मामलों के दर्ज हुए दो माह पूरा हो गये, तो पुलिस केवल 79 मामलों में ही दो माह के अंदर अनुसंधान पूरा कर न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर सकी. वहीं, 269 मामलों में दो माह बाद न्यायालय में रिपोर्ट समर्पित की गयी. इस तरह दो माह के अंदर और दो माह के बाद कुल मिला कर 11,930 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समर्पित की गयी. यानी दर्ज किये गये दुष्कर्म के केस में अनुसंधान पूरा कर डिस्पोजल करने का रेट 84.20 प्रतिशत रहा. जबकि, दो माह के अंदर फाइनल रिपोर्ट समर्पित करने का कंप्लांयस रेट (अनुपालन दर) सिर्फ 27.50 प्रतिशत रहा.

Also Read: झारखंड: संजय पाहन हत्याकांड का रांची पुलिस ने किया खुलासा, पत्नी समेत आठ अरेस्ट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें