कोरोना को हरा चुके लोगों में पोस्ट कोविड की समस्या बढ़ी है. वह निगेटिव होने के बाद फेफड़ा, मानसिक व न्यूरो की समस्या को लेकर रिम्स के ट्राॅमा सेंटर पहुंच रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए रिहैबिलिटेशन थेरेपी (पूर्व की स्थिति में लाना) की जरूरत पड़ रही है. रिम्स में रिहैबिलिटेशन सेंटर नहीं है, जिससे उन्हें ट्रॉमा सेंटर के आइसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है.
फिलहाल रिम्स के आइसीयू में पांच पोस्ट कोविड की समस्यावाले मरीज भर्ती हैं, जिनमें दो को फेफड़ा की समस्या है. वहीं तीन को न्यूरो से संबंधित बीमारी है. चूंकि ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, इसलिए आइसीयू का बेड अनावश्यक रूप से भरा हुआ है. ऐसे मरीज रिहैबिलिटेशन सेंटर के लायक हैं. ऑक्सीजन की जरूरत होने पर सामान्य ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकता था.
रिम्स कोविड आइसीयू सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को जब पोस्ट कोविड की समस्या हो रही है, तो वह फोन कर जानकारी ले रहे हैं. रिहैबिलिटेशन सेेंटर होने पर उनको भर्ती कर फेफड़ा और न्यूराे की फिजियोथेरेपी करायी जाती, जिससे उनकी पूरा देखभाल हो पाती. मरीज के परिजन उनकी देखभाल के लिए साथ रह पाते.
रिम्स द्वारा पोस्ट कोविड मरीजों को परामर्श देने के लिए सोमवार से ओपीडी परामर्श दिया जायेगा. समस्या के आधार पर मरीजों को दवा और बचाव की जानकारी दी जायेगी. इनको भर्ती करने की सुविधा नहीं है. ओपीडी सेवा के लिए डॉक्टर को तैनात किया गया है.
डॉ प्रदीप भट्टाचार्या, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ