झारखंड में मुर्गी पालन के लिए लेनी होगी पर्यावरण की स्वीकृति, सीपीसीबी ने जारी किया गाइडलाइन
अब आपको पॉल्ट्री यानी कि मुर्गी पालन के लिए पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इससे संबंधित गाइडलाइन जारी कर दिया. जिसमें कहा गया है जहां एक साथ 25 हजार से अधिक पॉल्ट्री की फॉर्मिंग हो रही है वहां कंसेंट टू एस्टीब्लेसमेंट (सीटीइ) और कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) लेना होगा
रांची : पॉल्ट्री (मुर्गी पालन) की फाॅर्मिंग करनेवालों को भी अब पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इससे संबंधित गाइडलाइन से राज्यों के प्रदूषण बोर्ड को अवगत कराया है. बोर्ड ने तय किया है कि जहां एक साथ 25 हजार से अधिक पॉल्ट्री की फॉर्मिंग हो रही है, वैसे यूनिट को कंसेंट टू एस्टीब्लेसमेंट (सीटीइ) और कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) लेना होगा.
ऐसी इकाइयों पर वाटर एक्ट-1974 एंड एयर एक्ट 1981 लागू होगा. सीपीसीबी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद एक जनवरी 2023 से पांच हजार से अधिक पॉल्ट्री रखनेवालों पर भी सीटीओ और सीटीइ लागू करेगा. इसके लिए सभी राज्यों को तैयार रहने को कहा गया है.
आवासीय परिसर से 500 मीटर की दूरी जरूरी : नये पॉल्ट्री फॉर्म आवासीय परिसर से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर स्थापित किये जा सकेंगे. नदी, तालाब, नहर, पेयजल स्रोत से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर ही स्थापित करने की अनुमति मिल पायेगी.
Posted By : Sameer Oraon